Makar Sankranti 2023: पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व (Festival) मनाया जाता है. इस दिन भगवान सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति को देवताओं का दिन कहा गया है. इस पर्व को देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. मकर संक्रांति सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें:  Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर सुने ये कथा, दूर होगी सारी समस्या!

मकर संक्रांति 2023 का शुभ मुहूर्त

15 जनवरी को मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह 07:15 बजे से शाम 05:46 बजे तक रहेगा. इस दौरान स्नान, दान और धार्मिक कार्य बहुत ही शुभ माने जाते हैं. चूंकि मकर संक्रांति का पर्व रविवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इस पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि यह दिन सूर्य देव को समर्पित होता है. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:09 बजे से 12:52 बजे तक और विजय मुहूर्त दोपहर 02:16 बजे से 02:58 बजे तक रहेगा.

यह भी पढ़ें:  Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती हैं पतंगें? जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति के पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि इस दिन से सूर्य के उत्तरायण होने के कारण प्रकृति में परिवर्तन शुरू हो जाता है. सूर्य के उत्तरायण होने से ठंड से सिकुड रहे लोगों को राहत मिलती है. भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां त्यौहारों का संबंध कृषि पर बहुत कुछ निर्भर करता है. मकर संक्रांति ऐसे समय आती है जब किसान रबी की फसल लगाकर खरीफ की फसल धान, मक्का, गन्ना, मूंगफली, उड़द घर लाते हैं. इस दौरान किसानों के घर अन्न से भर जाते हैं. इसलिए मकर संक्रांति पर खरीफ की फसल के साथ पर्व की खुशी मनाई जाती है.

यह भी पढ़ें: Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान क्यों करते हैं? जानें इसके पीछे की असल वजह

पुराणों में मकर संक्रांति की कथा

श्रीमद् भागवत और देवी पुराण के अनुसार शनि महाराज की अपने पिता से शत्रुता थी क्योंकि सूर्य देव ने अपनी माता छाया को अपनी दूसरी पत्नी संज्ञा के पुत्र यमराज से भेदभाव करते देखा था. उनका पुत्र शनि उनसे बिछड़ गया था. इससे शनि और छाया ने सूर्य देव को कुष्ठ रोग का श्राप दे दिया था.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.