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Chaturthi in March 2023 Date: मार्च में संकष्टी और विनायक चतुर्थी कब है? यहां जानें

Chaturthi in March 2023 Date: मार्च में संकष्टी और विनायक चतुर्थी कब है? यहां जानें
चतुर्थी के दिन भगवान की पूजा होती है.(फोटो साभार: Unsplash)
  • हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का अधिक महत्व है.

  • हर माह में दो चतुर्थी तीथियां होती हैं.

  • चतुर्थी के दिन व्रत रखा जाता है.


Written By:Kaushik
Updated: February 26, 2023 12:46:43 New Delhi, India

Chaturthi in March 2023 Date: हर माह में दो चतुर्थी तीथियां होती हैं. कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. शुक्ल पक्ष में अमावस्या के बाद विनायक चतुर्थी के रूप में जाना जाता है. हिंदू धर्म में चतुर्थी तिथि का अधिक महत्व है. हिंदू मान्यता के अनुसार, जो भक्त संकष्टी और विनायक चतुर्थी का व्रत करता है. उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और हर मनोकामनाएं पूरी होती है. कहा जाता है कि इंसान को गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करने से बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं मार्च 2023 में संकष्टी और विनायक चतुर्थी किस तारीख को है.

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मार्च 2023 में कब है संकष्टी चतुर्थी (Chaturthi in March 2023 Date)

मार्च में कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 11 मार्च को मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले करने का विधान है क्योंकि वो सर्वप्रथम पूजनीय हैं. विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है.

कृष्णा पक्ष चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी

10 मार्च 9:42 बजे – 11 मार्च को 10:06 बजे

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मार्च 2023 में कब है विनायक चतुर्थी

वहीं मार्च में शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी व्रत 25 मार्च को पड़ रहा है. हिंदू मान्यता के अनुसार, विनायक चतुर्थी का व्रत करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा होती है जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है.

शुक्ल पक्ष विनायक चतुर्थी

24 मार्च शाम 5:00 बजे – 25 मार्च को शाम 4:23 बजे

चतुर्थी की पूजा विधि

-चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठे और स्नान करें
-इसके बाद पूजा की शुरुआत करें
-भगवान गणेश की पूजा शुरू करने से पहले व्रत को विधिपूर्वक करने का संकल्प लें.

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-इस बात का ध्यान रखें कि पूजा करने के लिए घर की उत्तर दिशा में पहले एक चौकी स्थापित करें. इसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं.
-इसके बाद चौकी पर गणपति को स्थापित करें. उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं और रोली, फूल, दूर्वा, पान, अक्षत, चंदन और सुपाड़ी आदि चीजें अर्पित करें.
-गणपति की पूजा के समय मोदक या फिर मोतीचूर का लड्डू का भोग लगाएं.
-भगवान गणेश की साधना में गणेश चालीसा का पाठ और आरती करें.

 

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.