Lohri Story in Hindi, Why is Lohri celebrated: लोहड़ी (Lohri) फसल उत्सव मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पहले मनाया जाता है. त्योहार (Festival) और इसकी उत्पत्ति के साथ कई कथाएं जुड़ी हुई हैं. त्योहार से जुड़े कई लोहड़ी लोक गीत हैं और वे सूर्य देव या सूर्य भगवान का उल्लेख करते हैं जहां लोग उन्हें पृथ्वी पर गर्मी प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि लोहड़ी क्यों मनाई जाती है.

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क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?

लोहड़ी पारंपरिक रूप से फसलों की बुवाई और कटाई से जुड़ा एक विशेष त्योहार है. इस मौके पर पंजाब का लोग नई फसल की पूजा करते हैं. इस दिन लड़के आग के पास भांगड़ा करते हैं, जबकि लड़कियां गिद्दा करती हैं. शहर के हर चौराहे पर आपको लोहड़ी जलती हुई नजर आएगी. लोग लोहड़ी को बहुत धूमधाम से मनाते हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जश्न मनाते हैं. इस दिन तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली का भी विशेष महत्व होता है.

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लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी का क्या महत्व है?

इस दिन अलाव जलाया जाता है और उसके चारों ओर नृत्य डांस जाता है. साथ ही आग के पास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. ऐसा माना जाता है कि मुगल काल में अकबर के समय में दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब में रहता था. उस समय कुछ धनी व्यापारी शहर की लड़कियों को सामान के बदले बेच देते थे, तब दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाया और उनकी शादी करा दी. तब से हर साल लोहड़ी के त्योहार पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाने की परंपरा चली आ रही है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.