Lohri 2023: लोहड़ी (Lohri) का पावन पर्व (Festival) आ चुका है और इसकी तैयारियां अभी से चारों तरफ देखी जा सकती हैं. लोहड़ी फसल उत्सव मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पहले मनाया जाता है. त्योहार और इसकी उत्पत्ति के साथ कई कथाएं जुड़ी हुई हैं. त्योहार से जुड़े कई लोहड़ी लोक गीत हैं और वे सूर्य देव या सूर्य भगवान का उल्लेख करते हैं जहां लोग उन्हें पृथ्वी पर गर्मी प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हैं. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आप इस साल आप लोहड़ी को कैसे खास बना सकते हैं.

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लोक नृत्य और लोक गीत: लोहड़ी की शाम को आप लकड़ी जलाकर अग्नि के चारों ओर चक्कर लगाकर नाच गा सकते हैं. इस दिन लोक नृत्य और गीत गाए जाते हैं. मकर संक्रांति से पहले शाम को लोग लकड़ी जलाकर और आग सेंक कर लोकगीतों का आप आनंद ले सकते हैं. लोग ढोल की थाप पर नाचते हैं और गिद्दा और भांगड़ा करके लोहड़ी मनाते हैं.

अग्नि में आहुति: इस दिन लोहड़ी की अग्नि में तिल, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली, खील, मक्के के दाने चढ़ाने की परंपरा है. इस परंपरा को आप करना ना भूलें.  इस दौरान आप रेवड़ी, खील, गज्जक, मक्का खाने का भी लुत्फ उठा सकते हैं.

पकवान: लोहड़ी के दिन आप विशेष व्यंजन बना सकते हैं, जिनमें गजक, रेवड़ी, मूंगफली, तिल-गुड़ के लड्डू, मक्के की रोटी और सरसों का साग प्रमुख है.

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गुरुद्वारा जाए: लोहड़ी के दिन इस पर्व पर गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ रहती है. गुरुद्वारों में विशेष शबद कीर्तन भी होता है. आप इस दिन गुरुद्वारा जा सकते हैं.

दान-पुण्य करें: लोग पुण्य प्राप्त करने के लिए गुरुद्वारा बंगला साहिब और अन्य गुरुद्वारों के सरोवर में डुबकी लगाते हैं. इस त्योहार के दिन का एक अनूठा दृश्य होता है जिसमें भक्त यमुना में स्नान करते हैं, गुरुद्वारों के पवित्र तालाबों में स्नान करते हैं और दान-पुण्य में संलग्न होते हैं. ऐसे में आप भी दान-पुण्य कर सकते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.