Karwa Chauth Puja Samagri In Hindi: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. आपको बता दें कि करवा चौथ के दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रख कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं, और शाम को चांद के उदय होने के बाद व्रत खोलती हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले सरगी खाकर व्रत की शुरुआत की जाती है और रात को चांद देखने और अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है. करवा चौथ का व्रत पूजन के लिए काफी सामग्री की आवश्यकता होती है. ऐसे में पहले से ही इस सामग्री को खरीदकर रख लें, वरना आपको काफी दिक्कत महसूस हो सकती हैं और आपके व्रत में खलल पड़ सकता है.

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करवा चौथ में क्या क्या सामग्री लगती है? (Karwa Chauth Puja Samagri)

1- करवा चौथ की पूजा सामग्री में सबसे पहले हमें करवा माता की पूजा के लिए उनकी तस्वीर को जरूर रख लेना चाहिए.

2- इसके बाद करवा चौथ व्रत में करवा का विशेष महत्व है. इसे नदी का प्रतीक माना जाता है और करवा चौथ पूजन में करवा से ही पूजा की जाती है.

3- करवा चौथ पूजन में सींक को बहुत ही जरूरी माना गया है. आपको बता दें कि करवा माता की तस्वीर के अलावा सींक को माता की शक्ति का प्रतीक माना जाता है.

4- करवा चौथ पूजा में छलनी का होना भी जरूरी होता है. व्रत में महिलाएं छलने से ही अपने पति के चेहरे को देखती हैं.

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5- करवा पूजा में दीपक की रोशनी का विशेष महत्व होता है. इसलिए दीपक जरूर रख लें और विकल्प में दीपक जरूर रख लें.

6- करवा चौथ की पूजा सामग्री में तांबे का लोटा होना जरूरी है. इस लोटे से ही महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती है, उसके बाद ही इसके पूर्ण माना जाता है.

7- पूजा की थाली में फल- फूल, सुहाग का सामान, जल, दीपक और मिठाई को भी शामिल करना जरूरी होता है.

8- करवा चौथ की पूजा में इस समस्त सामग्री को शामिल करते हुए करवा माता की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लेकर अपने परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हुए पूजा संपन्न की जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)