हिंदू (Hindu) धर्म में कार्तिक मास को चातुर्मास का अंतिम महीना माना जाता है और शास्त्रों में इस महीने का विशेष महत्व है . इस महीने में भजन, पूजा और दान के साथ-साथ दीपदान का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भक्तों को भगवान लक्ष्मीनारायण की विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी के बिना इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय बताए गए हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.

यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर दिखेगा चंद्र ग्रहण, बरते ये 7 सावधानियां

दीपदान करने के पांच फायदे

संकट से मुक्ति: नदियों या तालाबों आदि स्थानों पर दीपकदान करने से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है. दीपकदान करने से व्यक्ति को यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है.

कर्ज से मुक्ति: दीपकदान करने से जातक को कर्ज से भी मुक्ति मिल सकती है.

यह भी पढ़ें:  Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर जरूर करें ये 5 काम,फिर देखें कमाल!

मिटता है पुर्नजन्म का कष्ट: शाम के समय, कार्तिकी को इस मंत्र का जाप करते हुए, नदी में एक दीपक प्रवाहित करें, ‘कीटाः पतंगा मशकाश्च वृक्षे जले स्थले ये विचरन्ति जीवाः, दृष्ट्वा प्रदीपं नहि जन्मभागिनस्ते मुक्तरूपा हि भवति तत्र’ . ऐसा माना जाता है कि दीपकदान करने से पुनर्जन्म की परेशानी समाप्त हो जाती है.

मनोकामनाएं पूरी होती हैं: इस दिन गंगा तट पर स्नान कर दीपक जलाएं, दीप जलाकर किसी भी मनोकामना की कामना देवताओं से करें. दीपदान किसी भी शुभ कार्य या पूजा की सफलता के लिए किया जाता है.

यह भी पढ़ें: Kartik Purnima 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान क्यों किया जाता है? जानें इसका महत्व

धन और समृद्धि में वृद्धि: लोग घर में धन और समृद्धि बनाए रखने के लिए दीपकदान करते हैं. लोग देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और आशीर्वाद पाने के लिए दीपकदान करते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.