हरियाली तीज का त्योहार श्रावण मास की तीसरे रविवार को मनाया जाएगा. महिलाएं सुखमय दांपत्य जीवन व पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं. व्रत में माता पार्वती, भगवान शिव व गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है. व्रतधारी सोलह श्रृंगार करती हैं. महिलाओं ने शनिवार को घरों में या बाजार में जाकर मेंहदी लगवाई और पूजन के लिए सामग्री खरीदी.

यह भी पढ़ें: घर की इस दिशा में भूलकर भी न रखें फ्रिज, वरना गरीबी नहीं छोड़ेगी आपका पीछा!

भेजा जाता है सिंदारा

इसमें माताएं अपनी बेटियों को सिंजारा भेजती हैं. जिसमें घेवर, फेनी का अधिक महत्व होता है, इसलिए शिव-पार्वती को घेवर का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा सिंजारे में शामिल सामान में सोलह श्रृंगार की चीजें, जैसे हरी चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, काजल, मेंहदी, नथ, गजरा , मांग टीका, कमरबंद, बिछिया, पायल, झुमके, बाजूबंद, अंगूठी, कंघा, आदि दिए जाते हैं. साथ ही सोने के आभूषण भी भेज सकते हैं. पूजन में पहले गणेशजी की पूजा अर्चना की जाती है.

यह भी पढ़ें: रोटी परोसते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना रूठ जाएंगी मां लक्ष्मी!

कई जगह पर सास-ससुर और बच्चों के लिए भी कपड़े देने की परंपरा है. सिंजारे की परंपरा निभाते हुए मायके वाले बेटी को सदा सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद भेजते हैं. सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए हरियाली तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं भी करती हैं. जिन लड़कियों की शादी तय हो जाती है, उनके ससुराल पक्ष से होने वाली बहू के लिए सुहाग की वस्तुएं भेजी जाती हैं.

यह भी पढ़ें: Vastu Tips: हल्दी समेत इन चीजों को कभी ना दें उधार वरना पड़ सकता है महंगा!

हरे कपड़ों का महत्व

इस दिन हरे कपड़े पहने जाते है, जो की हरियाली का प्रतीक है. ज्योतिष मान्यता के अनुसार हरे रंग को बुध का रंग माना जाता है. इससे बुध प्रबल होता है, जिससे संतान सुख की कामना पूर्ण होती है. हरा रंग जीवन में खुशहाली बढ़ाता है. कहते हैं कि हरे रंग की कांच की चूड़ियां पहनने से पति की उम्र लंबी होती है. हरे रंग को स्वास्थ्यवर्धक रंग भी माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)