Chhath Puja Day 1: कार्कित माह में कई सारे त्योहार पड़ते हैं जिसमें कुछ कृष्ण पक्ष तो कुछ शुक्ल पक्ष में आते हैं. इनमें बड़ा दिवाली, छठ पूजा और कार्तिक पूर्णिमा है और शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन छठ महापर्व मनाया जाता है. छठ पूजा की शुरुआत आज यानी 17 नवंबर से हो गई है और आज छठ का पहला दिन है जिसे नहाय-खाए कहा जाता है. इस दिन से तामसिक भोजन बनना बंद हो जाता है और सात्विक भोजन की बनेगा. जिन्हें व्रत रखना है वो रात में लौकी की सब्जी और रोटी खाते हैं और अगले दिन निर्जला व्रत रखते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि छठ पूजा के पहले दिन क्या क्या किया जाता है.

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नहाय-खाए से शुरू हुआ छठ महापर्व (Chhath Puja Day 1)

यूपी, बिहार और झारखंड का सबसे पड़ा त्योहार छठ पूजा है और ये 17 नवंबर से शुरू हो चुकी है. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाए से होती है. इस दिन घर से तामसिक भोजन 20 तारीख तक बंद हो जाता है जिसमें लहसुन-प्याज भी नहीं बनना चाहिए. क्योंकि मान्यता है कि नहाय-खाए वाले दिन घर की सफाई करके महिलाओं को बाल धोकर नहाना चाहिए. इसके अगले दिन छठी मईया ढाई दिन के लिए घर आती हैं और ये उनका मायका होता है. नहाय-खाय 17 नवंबर को है और इस दिन सूर्योदय 6.45 बजे से होगा वहीं सूर्यास्त शाम 5.27 बजे होगा. इस दिन व्रती को गंगा में स्नान करना चाहिए और नए वस्त्र पहनकर शाकाहारी भोजन करना चाहिए जिसमें लौकी की सब्जी का विशेष महत्व है.

क्या है छठ पर्व का महत्व (Chhath Puja Importance)

छठ पूजा का विशेष महत्व हिंदू धर्म में है. जो लोग छठ व्रत नहीं करते हैं वो भी घाट पर प्रसाद लेने पहुंच जाते हैं क्योंकि सभी को पता है कि छठ पूजा हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रत होता है. ये व्रत लगभग 36 घंटो तक चलता है और इसमें कठिन नियमों का पालन भी किया जाता है. छठ पूजा का व्रत जो भी रखता है उन्हें निर्जला रहना होता है और जो लोग कल सुबह से व्रत रखेंगे उन्हें कल शाम को भोजन करना होगा और उसके बाद 20 की सुबह व्रत पारण करना होगा. छठ पूजा संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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