Chhath Puja Calendar 2023: कार्तिक माह में कई सारे त्योहार और बड़े व्रत पड़ते हैं. बिहार और पूर्वांचल में छठ महापर्व मनाया जाता है जिसमें कठिन व्रत रखा जाता है. बिहार के लोग देश-विदेश के अलग-अलग जगहों पर रहते हैं और वहां इस पर्व को मनाते हैं इस वजह से लोग इस पर्व के बारे में जानने लगे हैं. इस साल छठ पर्व 17 नवंबर से लेकर 20 नवंबर तक चलेगी और इन दिनों में जिन घरों में व्रत रखे जाते हैं वहां बहुत एतिहात बरतने होते हैं. छठ पर्व बहुत कठिन होता है जिसमें नियम का भी विशेषरूप से पालन करना होता है. छठ महापर्व का पूरा शेड्यूल क्या है और इसका महत्व क्या है चलिए आपको विस्तार में बताते हैं.

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छठ महापर्व का पूरा शेड्यूल (Chhath Puja Calendar 2023)

17 नवंबर 2023, दिन गुरुवार- नहाय, खाय के साथ ही तामसिक चीजों को वर्जित कर दिया जाता है.
18 नवंबर 2023, दिन शुक्रवार- दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद रात में गुड़ की खीर और रोटी खाते हैं.
19 नवंबर 2023, दिन शनिवार- पूरे दिन निर्जला व्रत और शाम को घाट जाकर पूजा करना, शाम के समय सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा.
20 नवंबर 2023, दिन रविवार- उगते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा और उसके बाद पूजा-पाठ करके व्रत को खोला जाएगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें, छठ पूजा में शाम को अर्घ्य देने का समय 5.26 बजे है और उस दिन सूर्यास्त शाम 5.26 पर ही होगा. वहीं दूसरे दिन सूर्योदय के समय अर्घ्य देने का समय 6.47 बजे होगा. छठ पूजा का ये चौथा दिन होता है और इसी के साथ व्रत पारण करना होता है. छठ पूजा की समाप्ति इसी दिन होती है और इसके बाद लोग घाट पर मांग-मांग कर प्रसाद ग्रहण करते हैं क्योंकि इससे आपको छठ मईया का आशीर्वाद प्राप्त होता है. बिहार में छठ पूजा का विशेष महत्व बताया गया क्योंकि ये वहां का सबसे बड़ा त्योहार है. वहां पर दिवाली से ज्यादा छठ महापर्व के लिए लोग उत्साहित रहते हैं और ये उनके लिए इमोशन के तौर पर माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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