Bhaidooj in Bihar: हिंदू (Hindu) धर्म में भाई दूज (Bhai Dooj) का विशेष महत्व है. पांच दिनों तक चलने वाले दिवाली उत्सव का समापन भाई दूज के साथ होता है. देश में अलग-अलग जगहों पर त्योहार अपने-अपने तरीके से मनाए जाते हैं. इसी तरह भाई दूज के पर्व की अनूठी परंपरा भी अलग-अलग जगहों पर निभाई जाती है. वैसे भाई दूज प्यार और स्नेह का पर्व है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर बधाई देती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.

वहीं भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों की जुबान में कांटों को चिपकाकर उन्हें कोसती हैं. तो आइए जानते हैं क्या है भाई दूज की इस अनोखी परंपरा के पीछे का राज.

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निभाई जाती है अनोखी परंपरा

भाई दूज पर्व की यह अनूठी परंपरा बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जगहों पर देखने को मिलती है. इस परंपरा के तहत, भाई दूज के अवसर पर बहनें पहले अपने भाइयों को मरने का श्राप देती हैं और फिर प्रायश्चित के लिए अपनी पर कांटा चुभाती हैं. इसके अलावा इस दिन बहनें यमलोक के जीवों की मूर्तियां बनाती हैं और उसकी कुटाई भी करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के दिन भाइयों को गाली देने और श्राप देने से वे यमराज से नहीं डरते.

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यह है पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार यम और यमनी पृथ्वी लोक में विचरण कर रहे थे. इस दौरान यम और यमनी किसी ऐसे व्यक्ति के पास यमलोक पहुंचना चाहते थे, जिसे बहन ने कभी गाली या शाप न दिया हो. इसी बीच उन दोनों को एक ऐसा शख्स मिल गया जिसे उनकी बहन ने न कभी गाली दी थी और न ही कभी शाप दिया था. ऐसे में यम और यमनी अपने भाई की आत्मा को हराने की कोशिश करने लगे.

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जब बहन को इस बात का पता चला तो उसने अपने भाई को बचाने की पूरी कोशिश की. भाई को बचाने के लिए बहन ने बिना वजह गाली देकर भाई को श्राप दे दिया. जिससे यम और यमनी का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका. माना जाता है कि यह परंपरा तभी से चली आ रही है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.