Bahula Chouth 2023 Niyam: सनातन धर्म में हर व्रत-त्योहार हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग के अनुसार ही मनाया जाता है. भाद्रपद या भोदा हिंदू कैलेंडर का छठवां महीना होता है. इस महीने की शुरुआत में ही बहुला चौथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की गौ माता के साथ पूजा की जाती है. चतुर्थी होने के कारण भगवान गणेश को भी पूजा में शामिल किया जाता है. बहुला चौथ महिलाएं अपनी संतान के लिए रखती हैं और जिनकी संतान नहीं होती तो उन्हें इस पूजा की कृपा से आशीर्वाद मिलता है. बहुला चौथ की पूजा में कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है.

यह भी पढ़ें: Janmashtami Puja Vidhi Mantra: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर करें इन मंत्रों का जाप, प्रसन्न हो जाएंगे लड्डू गोपाल

क्या हैं बहुला चौथ पूजा के नियम? (Bahula Chouth 2023 Niyam)

3 सितंबर 2023 दिन रविवार को बहुला चौथ का व्रत रखा जाएगा. रविवार को चतुर्थी तिथि रात के 11.08 बजे समाप्त होगी और शाम को 8 बजे से 10 बजे के बीच में इसकी पूजा करना अनिवार्य होगा. उस दौरान चंद्रदेव को अर्घ्य देकर अपनी पूजा समाप्त करें. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और गाय माता की पूजा का प्रावधान विख्यात है और इन्हीं की पूजा आराधना करनी चाहिए. साथ ही इस दिन आपको यहां बताए गए कुछ नियमों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए.

बहुला चौथ के दिन गाय और उसके बच्चे की पूजा की जाती है. व्रत और संकल्प की शुरुआत सुबह से ही कर लेनी चाहिए. लेकिन पूजा का सही समय शाम का ही होता है जब व्रत कथा पढ़कर, विधिवत पूजा करके महिलाएं चंद्र दर्शन और अर्घ्य के बाद व्रत खोलती हैं. इस पूजा में गाय माता को विशेषता दी गई है इसलिए भूलकर भी दूध से बनी चीजों का भोग नहीं लगाना चाहिए. पूजा में इस बात विशेष ध्यान रखें कि दूध से बना पदार्थ गौ माता को नहीं चढ़ाना चाहिए. गाय और उसके बच्चे के साथ भगवान गणेश और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी जरूर करें. पूजा करने के बाद बहुला व्रत कथा का पाठ जरूर करें या सुनें.

इस दिन आप सत्तू का भोग चढ़ा सकते हैं और उड़द की दाल भी अर्पित कर सकते हैं. याद रहे जो भी भोग बनाएं उसे गाय को जरूर खिलाएं. पौराणिक कथाओं में लिखा है कि जो लोग बहुला चतुर्थी पर गायों की पूजा करत हैं उनके ऊपर भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं और उन्हें संतान प्राप्ति का वरदान भी मिलता है. बहुला चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है और शाम के समय पूजा के बाद फलहारी करते हुए व्रत का पारण भी कर देना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

यह भी पढ़ें: Krishna Janmashtami 2023 Bhog: लड्डू गोपाल के जन्म पर लगाएं इन 5 चीजों का भोग, भगवान विष्णु हो जाएंगे प्रसन्न