भारत में 5G स्मार्टफोन खरीदने का चलन बढ़ता जा रहा है. अगर आप भी 5G मोबाइल खरीदने की योजना बना रहे है तो आपके लिए थोड़ा इंतजार करना बेहतर होगा. ऐसा इसलिए कि, टेलीकॉम कंपनियों के अनुसार, साल 2023 की दूसरी तिमही तक यानी अप्रैल-जून 2023 तक भारत में 5G कनेक्टिविटी को कॉमर्शियल उपलब्ध कराना मुश्किल हैं. ऐसे में लगभग 2 साल तक 5G स्मार्टफोन में निवेश करना सही फैसला नहीं होगा.

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बाजार में कई मोबाइल कंपनियों ने 5G मोबाइल उतार दिया है. वहीं, 5G मोबाइल फोन की कीमत 4G मोबाइल के बराबरी में अधिक है. ऐसे में अभी से इसमें पैसे इनवेस्ट करना फायदे का सौदा नहीं है.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जियो अकेली ऐसी कंपनी होगी, जो स्टैंडअलोन 5G कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी. साधारण शब्दों में कहें, तो जियो का 5G नेटवर्क पूरी तरह से 4G नेटवर्क से अलग होगा, जो हाई स्पीड 5G कनेक्टिविटी ऑफर करेगी, जबकि जियो के अलावा बाकी कंपनियों 4G नेटवर्क की मदद से ही 5G कनेक्टिविटी ऑफर करेंगी, जिससे आपको 5G स्पीड से समझौता करना पड़ सकता है.

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5G स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना था. लेकिन सरकार ने नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जुलाई 2022 तक का वक्त दिया है. इस दौरान ट्राई की तरफ से स्पेक्ट्रम बेस प्राइस को तय किया जाना है. इसके बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलेगी.

अगर सरकार की तरफ से स्पेक्ट्रम बेस प्राइस को ज्यादा रखा जाता है, तो टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि 5G कनेक्टिविटी काफी महंगी होगी. साथ ही आपका दो साल पहले खरीदा गए 5G स्मार्टफोन की टेक्नोलॉजी काफी पुरानी हो जाएगी. इसलिए नए 5G स्मार्टफोन को बिना 5G नेटवर्क के चलाना किसी तरह से फायदेमंद नहीं है. साथ ही इसके लिए इतना पैसा इनवेस्ट करना सही नहीं होगा.

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