सविता पूनिया (Savita Punia) एक पेशेवर भारतीय हॉकी खिलाड़ी और गोलकीपर हैं जो भारत की राष्ट्रीय हॉकी टीम की कप्तान हैं. सविता पूनिया, साल 2016 के रियो ओलंपिक खेलों का हिस्सा भी रह चुकी हैं. उन्हें ‘भारतीय हॉकी टीम की दीवार’ (Wall of Indian Women’s Hockey Team) भी कहा जाता है. साल 2018 में भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने सविता पूनिया को हॉकी में भारत के सर्वोच्च अर्जुन पुरस्कार (Arjun Award) से सम्मानित किया था.

कौन हैं सविता पूनिया?

सविता पूनिया का जन्म 11 जुलाई 1990 को हरियाणा (Haryana) के जोधका गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम महेंद्र सिंह और माता का नाम लीलावती देवी है. सविता ने अपने जीवन के शुरुआती सालों में बहुत संघर्ष किया है. 2001 में मां के बीमार होने पर उन्होंने ही घर के कामों की जिम्मेदारी संभाली. बाद में घरवालों के कहने पर वे हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करने लगी और फिर हॉकी (Hockey) खेलना शुरू किया.

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सविता पूनिया की शिक्षा

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा महाराजा अग्रसेन गर्ल्स स्कूल, हरियाणा के सिरसा जिले से प्राप्त की है. स्कूल के दौरान उनके दादाजी ने उन्हें हॉकी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और उनका दाखिला हिसार के भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में करवा दिया.

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सविता पुनिया कोच और ट्रेनिंग

सविता ने बहुत छोटी उम्र में हॉकी खेलना शुरू कर दिया था. शुरुआती दिनों में उन्हें हॉकी खेल में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी लेकिन दादाजी के प्रेरित करने पर उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया. जब उनके पिता ने उनके लिए बीस हजार रुपये की एक हॉकी किट खरीदा तो वह इस खेल को गंभीरता से लेने लगी. उस समय सविता के कोच सुंदर सिंह खरब थे.

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वर्ष 2007 में उन्होंने पहली बार लखनऊ के हॉकी राष्ट्रीय शिविर कम्पटीशन में भाग लिया और जल्द ही एक प्रोफेशनल तौर पर गोलकीपर के रूप में अपनी ट्रेनिंग शुरू की. हॉकी के शुरुआती दिनों में सविता ने एक मिडफील्डर के रूप में अभ्यास करना शुरू किया था. उनकी लंबाई अच्छी होने के कारण, अकादमी में शामिल होने के एक साल बाद उनके कोच सुंदर सिंह खरब ने उन्हें गोलकीपिंग का विकल्प चुनने की सलाह दी.

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सविता पुनिया की उपलब्धियां

• वर्ष 2007 में 17 साल की उम्र में ही सविता राष्ट्रीय टीम के लिए चुन ली गई थी. उन्होंने 2008 में नीदरलैंड और जर्मनी में आयोजित चार देशों के बीच हॉकी प्रतियोगिता में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया था.

• वर्ष 2009 में उन्हें जूनियर एशिया कप में हॉकी टीम के सदस्य के रूप में चुना गया.

• 2011 में उन्होंने अपना पहला वरिष्ठ स्तर का अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला. सविता अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक हॉकी मैच खेल चुकी हैं.

• साल 2013 में उन्होंने मलेशिया में आयोजित आठवें महिला एशिया कप में भाग लिया जहां पर भारत ने कांस्य पदक जीता.

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• इंचियोन एशियाई खेल, 2014 में उन्होंने भारतीय टीम के लिए कांस्य पदक जीता.

• वर्ष 2018 में आयोजित एशिया कप में उन्होंने फाइनल मैच में चीन के खिलाफ एक उत्कृष्ट प्रदर्शन दिखाते हुए “गोलकीपर ऑफ़ द टूर्नामेंट का पुरस्कार” अपने नाम किया. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम रनर अप रही थी.

• 2018 एशियाई खेलों में सविता ने भारतीय हॉकी टीम में खेलकर रजत पदक जीता.

• 2022 में उन्होंने भारतीय टीम में खेलकर एशिया कप में कांस्य पदक हासिल किया.