झज्जर (Jhajjar) के धंदलान गांव के रहने वाले सागर अहलावत (Boxer Sagar Ahlawat) एक भारतीय मुक्केबाज हैं. वह झज्जर में हितेश देसवाल और चंडीगढ़ में वीरेंद्र डांगी के अधीन प्रशिक्षण लेते हैं. सागर अहलावत के पिता का नाम राजेश अहलावत हैं और माता का नाम मुकेश हैं.

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भारतीय मुक्केबाज सागर अहलावत के लिए 2015 में मैनी पैकियाओ और दिग्गज बॉक्सर फ्लायड मेवेदर जूनियर के बारे में अखबार में छपा पूरे पेज का एक लेख उनकी जिदंगी की ‘दशा और दिशा’ बदल गई. सागर को मुक्केबाज बनने की प्रेरणा 2015 में हुई ‘फाइट ऑफ द सेंचुरी’ उपर एक आर्टिकल पढ़ने के बाद मिली. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद उन्होंने मेवेदर और पैकियाओ के बारे में काफी अध्ययन किया और फिर मुक्केबाज बनने की ठान ली. सागर ने 2017 में मुक्केबाजी शुरू की और जवाहर बाग स्टेडियम में ट्रेनिंग करना शुरू किया.

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सागर ने 2019 में अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. फिर इसके बाद उन्होंने खेलो इंडिया विश्वविद्यालय खेलों में लगातार खिताब जीत लिए. वर्ष 2021 में अपनी पहली ही प्रतियोगिता में सागर ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था.

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उनकी शानदार प्रतिभा को देखते हुए उन्हें नेशनल कैंप में शामिल किया गया. सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता 2021 में पदार्पण में रजत पदक के बाद उन्हें पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में शामिल कर लिया गया.

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सागर अहलावत की उपलब्धिया

-सागर अहलावत ने वर्ष 2018 में 44वीं जूनियर पुरुष स्टेट बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया.

-सागर अहलावत ने 47वीं जूनियर (युवा) पुरुष राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप (2018-19) में गोल्ड मेडल जीता.

-उन्होंने वर्ष 2019 में अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेलों में गोल्ड मेडल अपने नाम किया.