पोपी हजारिका एक भारतीय महिला
भारोत्तोलक (weightlifter) हैं. पोपी हजारिका वर्तमान में
नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे (North East Frontier Railway) में एक कर्मचारी हैं. पोपी हजारिका ने बचपन में ही अपने
पिता को खो दिया था. हजारिका की मां ने अपनी बेटी के पूरे जीवन में पिता की भूमिका
निभाई. अपने पिता की मृत्यु के बाद,
उन्होंने खेतों में काम करना शुरू कर दिया
जहाँ वह पेड़ों को काटती थी और उन्हें दैनिक आधार पर बेचती थी.

यह भी पढ़ें: कौन हैं संकेत महादेव सरगर?

पंद्रह साल पहले, पोपी हजारिका ने शहीद पीली फुकन कॉलेज में अपनी पढ़ाई के साथ साथ भारोत्तोलन की प्रशिक्षण शुरू किया था. गोलाघाट ऐश (साई) परियोजना के तहत
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पोपी हजारिका नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्तर के
खेल में रजत पदक जीतने में सफल रही थी.

यह भी पढ़ें: कौन हैं जेरेमी लालरिनुंगा?

पोपी 2016 में तेजपुर में स्टेट
चैंपियन बानी. 2020 में, पोपी ने 202 किलोग्राम वजन के साथ कोलकाता में सीनियर नेशनल
में रजत पदक जीता. पोपी ने इसके बाद पटियाला में आयोजित सीनियर नेशनल में 59
किलोग्राम वर्ग में 189 किलोग्राम वजन के साथ रजत पदक जीता. उसी वर्ष, उन्होंने
ओडिशा में 189 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता.

यह भी पढ़ें: कौन हैं Savita Punia?

भारतीय भारोत्तोलक हजारिका पोपी ने
उज्बेकिस्तान के ताशकंद में राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 में महिलाओं के 59 किग्रा
वर्ग में रजत पदक जीता. हजारिका ने स्नैच में 84 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 105 किलोग्राम वजन उठाया और कुल 189
किलोग्राम वजन उठाकर पोडियम पर दूसरा स्थान हासिल किया था. हालाँकि, पोपी की
लिफ्टों ने उन्हें विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2021 में 17 वीं की रैंकिंग हासिल करने में मदद
की.

यह भी पढ़ें: कौन हैं गुरुराजा पुजारी?

मीराबाई चानू को आदर्श मानने वाले
पोपी आज उनके साथ ट्रेनिंग करती हैं. पिछले महीने उन्होंने सिंगापुर इंटरनेशनल में
64 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता था. और आने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं.