लवलीना बोरगोहेन ( Lovlina Borgohain) एक भारतीय महिला मुक्केबाज हैं जिनका जन्म 2 अक्टूबर 1997 को असम के गोलाघाट
जिले में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक किकबॉक्सर के रूप में की थी
लेकिन बाद में उन्होंने बॉक्सिंग को अपना पेशा चुना. मुक्केबाजी(Boxing) में उनके उत्कृष्ट
प्रदर्शन के लिए उन्हें 2020
में
अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और वह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली असम
की छठी खिलाड़ी बनीं.

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लवलीना बोरगोहेन ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत स्पोर्ट्स
अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Sports Authority of India) के अपने स्कूल में ट्रायल के दौरान की थी.
धीरे-धीरे, उन्हें पदुम बोरो ने देखा, जिन्होंने उन्हें
प्रशिक्षित करने का फैसला किया, और बाद में, उन्होंने महिला
मुक्केबाजी के मुख्य कोच शिव सिंह से कोचिंग लेना शुरू कर दिया.  2016 से, बोरगोहेन ने
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है. उन्होंने पहले
इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट और एआईबीए(AIBA) महिला
विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया.

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उन्होंने 2017 में एशियाई महिला चैंपियनशिप और 2018 में विश्व
चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते. इसके अलावा, उन्होंने दूसरे इंडिया ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग
टूर्नामेंट में रजत पदक जीता और 69 किलोग्राम वेल्टरवेट वर्ग में तीसरे स्थान पर रहीं.  2018 में इंडिया ओपन में अपनी जीत के बाद, बोरगोहेन ने
राष्ट्रमंडल खेलों (सीडब्ल्यूजी) में भी भाग लिया, लेकिन क्वार्टर फाइनल में यूनाइटेड किंगडम
के सैंडी रयान से हार गयी. 2017 में,
उन्होंने
एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कांस्य और राष्ट्रपति कप में कांस्य जीता. उन्होंने थाई मार्शल आर्ट का एक रूप सीखा है जिसे ‘मय थाई’ के नाम से जाना जाता है.

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साल
2020 में, लवलीना बोरगोहेन ने
बॉक्सिंग ओलंपिक क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में माफ़ुनाखोन मेलिएवा के खिलाफ 5-0 से जीत के साथ 69 किलोग्राम वर्ग
में ओलंपिक में जगह बना ली.  इस जीत के साथ, उन्होंने टोक्यो
में महिलाओं के वेल्टरवेट वर्ग में अपना स्थान सुनिश्चित किया.