भारत की शूटर अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने इतिहास रच दिया है. अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालंपिक्स के महिला 50 मीटर राइफल 3P SH1 की फाइनल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इससे पहले उन्होंने इसी पैरालंपिक्स में 10 मीटर एयर राइफ़ल एस1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था. ये भारत का 3 सितम्बर को दूसरा मेडल है, इससे पहले प्रवीण कुमार ने हाई जम्प में सिल्वर मेडल जीता था. 

इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की 19 वर्षीय शूटर अवनि लेखरा ने असाका शूटिंग रेंज में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफ़ल स्टैंडिंग एस1 स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर सोमवार को इतिहास रचा था. अवनि भारत के स्पोर्टिंग इतिहास में ऐसी पहली महिला बन गईं हैं, जिन्होंने एक ही ओलंपिक खेलों या पैरालंपिक्स खेलों में दो मेडल जीते हों. 

वह इस स्पर्धा के फाइनल में 445.9 का स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहीं. इन खेलों में देश के पदकों की संख्या 12 तक पहुंच गई है. इस स्पर्धा में चीन की झांग क्यूपिंग (457.9) और जर्मनी की हिलट्रॉप नताशा (457.1) क्रमशः गोल्ड और सिल्वर जीतने में कामयाब रहीं. क्वालिफिकेश में अवनि लखेरा 1176 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही थीं.

कौन हैं अवनि लेखरा? 

अवनि लेखरा, राजस्थान के जयपुर में रहती हैं और वह एथलीट होने के साथ-साथ लॉ की स्टूडेंट भी हैं. वह यूनीवर्सिटी ऑफ राजस्थान, जयपुर से कानून की पढ़ाई कर रही हैं. अवनि लेखरा कभी बिल्कुल स्वस्थ थीं लेकिन साल 2012 में एक दिन वह अपने पिता के साथ एक कार में सवार होकर कहीं जा रही थीं. यह कार दुर्घटना का शिकार हो गई और इससे अवनि के स्पाइनल कोर्ड में चोट (रीढ़ की हड्डी में चोट) लग गई. इस चोट के चलते वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकतीं.

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अवनि अपने पिता की प्रेरणा से ही शूटिंग की माहिर खिलाड़ी बनीं. उनके पिता चाहते थे कि बेटी खेलों में अपनी किस्मत आजमाए. शुरुआत में अवनि ने आर्चरी और शूटिंग दोनों को अपनाया. फिर उन्हें महसूस हुआ कि वह शूटिंग को खूब एन्जॉय करती हैं.

अवनि जयपुर के ही जगतपुर स्पोर्ट्स कॉम्पलैक्स में शूटिंग की शुरुआत की. अगले दो सालों में वह शूटिंग का जाना माना नाम बन गईं और साल 2017 में उन्होंने अपने पहले इंटरनेशनल इवेंट में जगह बनाई. वह शूटिंग वर्ल्ड कप में भी भाग ले चुकी हैं.

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