ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्लेन मैक्सवेल और इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजी आलराउंडर मोईन अली पर गुरुवार को चेन्नई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान बड़ी बोली लगने की उम्मीद है. नीलामी के लिये कुल 292 खिलाड़ियों को सूचीबद्ध किया गया है जिनमें से 164 भारतीय और 125 विदेशी हैं. नीलामी में तीन एसोसिएट खिलाड़ी भी होंगे.

सबसे ज्यादा रुपये पंजाब किंग्स के पास 

आठ फ्रेंचाइजी टीमों को 61 स्थान भरने हैं जिसमें से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को सबसे ज्यादा 11 स्थान पर खिलाड़ियों को चुनना है. इसके लिये उनके पास 35.4 करोड़ रूपये हैं जबकि सनराइजर्स हैदराबाद के पास केवल तीन ही स्थान उपलब्ध हैं जिसके लिये उनके पास 10.75 करोड़ रूपये हैं. सबसे ज्यादा राशि अनिल कुंबले की कोचिंग वाली पंजाब किंग्स (पहले किंग्स XI पंजाब) के पास हैं. उनके पास नौ स्थान के लिये 53.20 करोड़ उपलब्ध हैं.

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मैक्सवेल और मोईन पर लग सकती है बड़ी बोली 

कोविड-19 महामारी के कारण आईपीएल पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कराया गया था लेकिन अब इसका आयोजन भारत में होगा जिससे सभी का ध्यान बिग हिटर और धीमी गति गेंदबाजों पर लगा होगा जिसमें मैक्सवेल और मोईन पूरी तरह से फिट बैठते हैं.

हालांकि मैक्सवेल का टूर्नामेंट में रिकार्ड इतना अच्छा नहीं है, उनका औसत 22 का है और उन्होंने 82 मैच खेलकर 1505 रन बनाए हैं. अंतिम बार वह पंजाब के लिए खेले थे. वहीं दूसरी ओर मोईन पिछले सत्र में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हुए नजर आए थे.

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मैक्सवेल और उनके पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ दोनों सबसे ज्यादा बोली लगाने के वर्ग में हैं जिसकी बेस राशि दो करोड़ रूपये की है. इसमें एक नाम सभी के आकर्षण का केंद्र होगा और वह दुनिया के नंबर एक रैंकिंग पर काबिज इंग्लैंड के टी20 बल्लेबाज डेविड मलान हैं. उनका स्ट्राइक रेट 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में करीब 150 का है जिससे कुछ टीम इस 33 साल के खिलाड़ी पर उनके 1.5 करोड़ के आधार मूल्य से ज्यादा की बोली लगाना पसंद करेंगी.

किसपर बोली लगाएंगे एमएस धोनी? 

नीलामी में एक टीम चेन्नई सुपर किंग्स पर भी सभी की निगाहें लगी होंगी क्योंकि पिछला 2020 सत्र उनके लिए काफी खराब रहा जिसमें वह टूर्नामेंट के इतिहास में पहली बार आईपीएल के प्ले ऑफ के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी. महेंद्र सिंह धोनी और मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने अपनी टीम में युवाओं के बजाय अनुभव को अहमियत दी है. इसका उदाहरण रोबिन उथप्पा हैं जिन्होंने कम से कम पांच सत्र में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन ट्रेडिंग विंडो के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स ने उन्हें राजस्थान रॉयल्स से पूर्ण-नकद करार के तहत लिया.

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फ्रेंचाइजी के करीबी एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘‘धोनी किस तरह के खिलाड़ी चुनते हैं, यह देखना होगा. हमेशा उन्हीं खिलाड़ियों को दबाव भरे हालात से निपटने का अनुभव होता है जो मध्यम स्तर के सीनियर खिलाड़ी होते हैं. यह मायने नहीं रखता कि क्रिकेट जगत में बतौर खिलाड़ी उसका रूतबा कैसा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केवल एक बार ही केदार जाधव के साथ उनकी उम्मीदें सटीक नहीं बैठीं. या फिर वह थोड़े सीनियर खिलाड़ियों को पसंद करते हैं और जिन्हें मैच की जानकारी भी हो. ’’

इसलिए चेन्नई के पास छह स्थान भरने के लिये 20 करोड़ (19.90 करोड़) रूपये हैं और धोनी मध्यक्रम में खुद की, सुरेश रैना और फाफ डु प्लेसिस की मदद के लिये किसी बिग हिटर को शामिल करना चाहेंगे.

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आईपीएल भारत में कराया जा रहा है तो मैक्सवेल को उनके खराब रिकार्ड के बावजूद धीमी पिचों पर उनकी कसी हुई ऑफ ब्रेक गेंदबाजी के लिये चुना जा सकता है. जहां तक मलान का संबंध है तो किंग्स इलेवन पंजाब अपने पास मौजूद राशि और शीर्ष क्रम में आक्रामकता की कमी को देखते हुए उन्हें चुन सकता है. हालांकि वह भारतीय हालात में धीमी गेंदबाजों के खिलाफ कैसा खेलते हैं, यह चर्चा का विषय है.

भारत के इन तीन सीनियर्स पर भी लग सकता है बड़ा दांव 

भारतीय खिलाड़ियों में तीन ‘कैप्ड’ खिलाड़ी काफी अहम हैं जो केदार जाधव, अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और तेज गेंदबाज उमेश यादव हैं. जहां तक भारतीय खिलाड़ियों की बात है तो नीलामी प्रक्रिया विदेशी खिलाड़ियों की तुलना में काफी अलग रही है. उदाहरण के तौर पर युवराज सिंह या जयदेव उनादकट लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद अच्छे करार में इसलिये बिक जाते हैं क्योंकि वे भारतीय खिलाड़ी हैं और उनके पास एक विशेष कौशल है.

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इसलिए सनराइजर्स हैदराबाद या राजस्थान रॉयल्स को शीर्ष स्तर पर उमेश के अनुभव को देखते हुए उन्हें रखने में कोई परेशानी नहीं होगी. इसी तरह केदार और हरभजन पहली बोली में भले नहीं बिके लेकिन जब फ्रेंचाइजी टीम अपनी संतुलित टीम बना लेंगी तो उनके चुनने की संभावना है.

कप्तानी के लिए खरीदे जा सकते हैं स्मिथ 

इसी तरह स्टीव स्मिथ के साथ जिनका बेस प्राइस काफी ज्यादा है और स्ट्राइक रेट शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के तौर पर शानदार नहीं है, तो अगर कोई फ्रेंचाइजी उचित कप्तानी उम्मीदवार ढूंढ रही है तो ठीक, वर्ना उन्हें ज्यादा बोली लगाने वाली टीम नहीं मिलेंगी.

कई ‘अनकैप्ड’ खिलाड़ियों पर लग सकती है भारी बोली 

इसी तरह ‘अनकैप्ड’ (जिसने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला हो) घरेलू खिलाड़ी जैसे केरल के मोहम्मद अजहरूद्दीन (जूनियर), तमिलनाडु के शाहरूख खान, आल राउंडर आर सोनू यादव, बड़ौदा के विष्णु सोलंकी और बंगाल के आकाशदीप कुछ अच्छी राशि में बिक सकते हैं. इनके लिये टीमों के बीच बार बार बोली लग सकती है क्योंकि उनका बेस प्राइस महज 20 लाख रूपये का ही है.

सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन को 20 लाख रूपये के वर्ग में रखा गया है, जिन्होंने इस साल मुंबई की सीनियर टीम में पदार्पण किया. इस युवा खिलाड़ी ने जिस तरह से अपने प्रदर्शन से आकर्षित किया है, उन्हें भी कुछ दावेदार मिलेंगे. मुंबई इंडियंस (15.35 करोड़ रूपये) और दिल्ली कैपिटल्स (13.40 करोड़ रूपये) को क्रमश सात और आठ खिलाड़ी चाहिए.

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