भारत की महिला बॉक्सर निखत जरीन (Nikhat Zareen) ने दुनिया में भारत का मान बढ़ाया है. निखत ने गुरुवार को तुर्की के इस्तांबुल में हुए फ्लाईवेट फाइनल में थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस (Jitpong Jutamas) को हराकर महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के 52 किग्रा कैटेगरी में पीला तमगा जीता.

निखत दिग्गज बॉक्सर मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी के बाद वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला बॉक्सर बन गई हैं. 25 साल की निखत जरीन पूर्व जूनियर यूथ वर्ल्ड चैंपियन हैं.

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अपने थाई विपक्षी के खिलाफ फाइनल मुकाबले में निखत ने शानदार पंच कॉम्बिनेशन और बेहतरीन डिफेन्स के साथ गोल्ड मेडल जीता. सभी जजों ने 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 के स्कोर के साथ फैसला भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में सुनाया. बता दें कि ये मैरी कॉम के साल 2008 में जीते गोल्ड मेडल के बाद भारत का पहला गोल्ड मेडल है. वहीं इस टूर्नामेंट में ये भारत का 10वां गोल्ड मेडल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निखत जरीन को इस सफलता पर शुभकामनाएं दीं. पीएम ने ट्वीट किया, “हमारे मुक्केबाजों ने हमें गौरवान्वित किया है! निखत जरीन को महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने के लिए शुभकामनाएं. मैं मनीषा मौन और परवीन हुड्डा को भी इसी प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने के लिए बधाई देता हूं.” 

निजामाबाद (तेलंगाना) में जन्मी मुक्केबाज जरीन छह बार की चैंपियन मैरी कॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006) और लेख केसी (2006) के बाद वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय महिला बन गई हैं. 

वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारतीय महिलाओं के हाथ दो और मेडल लगे. मनीषा ने 57 किलोग्राम कैटेगरी और प्रवीण ने 63 किलोग्राम कैटेगरी के सेमीफाइनल में जगह बनाकर कांस्य पदक जीता. इस महिला वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप का भारत ने तीन पदकों के साथ अंत किया.   

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