भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह ने 18 जून 2021 को चंदीगढ़ के एक अस्पताल (PGIMER) में दम तोड़ दिया. मिल्खा सिंह की मौत की वजह कोविड -19 के बाद हुई परेशानियां थी. जिसके चलते 91 वर्ष के ‘द फ्लाइंग सिख’ का निधन हो गया. पिछले महीने 19 मई को मिल्खा सिंह कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. कुछ दिन होम आइशोलेशन में रहने के बाद, 24 मई को उन्हें मोहाली के फॉर्टिस हॉस्पिटल के ICU में भर्ती कराया गया था. मिल्खा सिंह की मौत के सिर्फ पांच दिन पहले ही उनकी पत्नी निर्मल कौर का भी कोरोना के बाद की परेशानियों के कारण निधन हो गया था. महान एथलीट मिल्खा सिंह के बारे में कुछ ऐसी बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए. 

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1. भारत में नहीं पाकिस्तान में हुआ था मिल्खा का जन्म

भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा (जो अब पाकिस्तान में है) के एक छोटे से गांव में हुआ था. तब के समय में मिल्खा सिंह ब्रिटिश भारत में मुल्तान प्रांत के एक गांव में रहते थे. इसी गांव में 1947 तक मिल्खा सिंह का बचपन गुजरा. 

2. पांच दिन पहले हुआ था पत्नी का निधन

पत्नी के निधन के पांच दिन बाद नहीं रहे मिल्खा सिंह. एथलेटिक्स के लीजेंड कहे जाने वाले मिल्खा सिंह की मृत्यु उनकी पत्नी निर्मल कौर के निधन के पांच दिन बाद ही हो गई. उनकी पत्नी निर्मल का निधन 85 साल की आयु में 13 जून को कोविड-19 के बाद होने वाली परेशानियों के चलते हुआ था.

3. भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की कप्तान थीं निर्मला

मिल्खा सिंह और निर्मल कौर साल 1962 में शादी के पवित्र बंधन में बंधे थे. काफी लोगों को यह नहीं पता होगी कि निर्मला खुद भी स्पोर्ट्सपर्सन थीं, उन्होंने एक समय में भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की कप्तानी भी की थी.

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4. मिल्खा सिंह के बच्चे

मिल्खा सिंह की तीन बेटियां और एक बेटा है. तीन बेटियां डॉ मोना सिंह, अलीजा ग्रोवर, सोनिया सांवल्का और एक बेटा जीव मिल्खा सिंह हैं. उनके बेटे जीव मिल्खा सिंह एक जाने-माने गोल्फर हैं.

5. मिल्खा सिंह की शिक्षा

उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पाकिस्तान के एक छोटे से गांव के स्कूल में ही की थी. उस गांव के स्कूल में उन्होने 5वीं तक की पढ़ाई की लेकिन बिगड़ते हालातों के चलते मिल्खा सिंह को पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी.

6. आंखो के सामने देखी थी 8 भाई-बहनों और माता-पिता की मौत

1947 में पार्टीशन के समय दंगों में कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया, मिल्खा सिंह भी उन्हीं में से एक थे. उन्होंने अपने 8 भाई-बहनों और माता-पिता को खो दिया. जिसके बाद वह दिल्ली में अपनी बहन के साथ रहने लगे. पुराना किला के रिफ्यूजी कैंप में काफी समय रहने के बाद वह शाहदरा कॉलोनी में रहे.

7. ‘द फ्लाइंग सिख’ नाम किसने दिया 

पाकिस्तान के अब्दुल खालिक के खिलाफ एक प्रसिद्ध दौड़ जीतने के बाद 1960 में पाकिस्तानी जनरल अयूब खान ने मिल्खा सिंह को ‘द फ्लाइंग सिख’ नाम दिया गया था.

8. मिल्खा सिंह के गोल्ड मेडल

मिल्खा सिंह ने चार बार एशियाई खेलों (Asian Games) में स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीता था और 1958 के कोमनवेल्थ खेलों (Commonwealth Games) के चैंपियन भी रहे थे, लेकिन 1960 के रोम में 400 मीटर फाइनल में चौथा स्थान हासिल करके उन्होंने सबका मन जीत लिया. हालांकि मिल्खा सिंह ओलम्पिक मेडल से चूक गए और आज तक कोई भारतीय एथलीट ओलंपिक मेडल जीता है.  

9. फौज में अफसर थे मिल्खा

मिल्खा सिंह ने 1958 के एशियन गेम्स में भारत को गोल्ड मेडल जिताया था. जिसके बाद, उन्हें प्रमोट करके जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCA) सिपाही रैंक का अधिकारी बना दिया गया था.

10. पद्म श्री से सम्मानित हैं मिल्खा सिंह

मिल्खा सिंह ने साल 1956 और 1964 के ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. वर्ष 1959 में उन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया. मिल्खा सिंह ने अपने सभी मेडल देश को दे दिए हैं. जो जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम नई दिल्ली में रखें गए हैं.

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