क्रिकेट (Cricket) मुकाबले में दूसरे छोर पर खड़ा बल्लेबाज अगर गेंदबाज के हाथ से गेंद छूटने से पहले ही क्रीज से बाहर निकल जाए तो उसे रन आउट करने को मांकडिंग (Mankading) कहते हैं. ऐसी स्थिति में गेंदबाज को गेंद डालने की जगह केवल अपने छोर की गिल्लियों को गिराना होगा. मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) की मुहर इस पर लगने के बाद अब हर कोई खिलाड़ी खुलकर इसका इस्तेमाल कर सकेगा और बल्लेबाजी कर रही टीम को रन लेने के दौरान मिलने वाला इसका अनुचित फायदा बंद हो जाएगा.

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जानिए क्यों होता है मांकडिंग शब्द का इस्तेमाल

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मांकडिंग (Mankading) शब्द का इस्तेमाल भारत के दिग्गज ऑलराउंडर वीनू मांकड (Vinoo Mankad) के नाम पर होता है. साल 1947-48 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान उन्होंने ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस तरीके से पहली बार किसी खिलाड़ी को पवेलियन पहुंचाया था. दूसरे टेस्ट मुकाबले के दौरान विनू मांकड गेंद डाल रहे थे. ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन नॉन-स्ट्राइकर एंड पर बल्लेबाजी कर रहे थे. इसी बीच वीनू ने देखा कि ब्राउन उनके गेंद फेंकने से पहले ही रन लेने के लिए अपने छोर से बाहर निकल जाते हैं. लिहाजा उन्होंने बिना देरी किए गेंद डालने की जगह अपने छोर की गिल्लियां बिखेर दी थी. तभी से इस तरह आउट करने को मांकडिंग नाम से जाना जाता है.

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने क्रिकेट के नियमों में कई संशोधन किए हैं. इनमें मांकडिंग आउट के नियम में भी बदलाव किया गया है. इस नियम को 41 (अनफेयर प्ले) से 38 (रन आउट) में शिफ्ट कर दिया गया है. इसके मुताबिक यदि गेंदबाज के बाॅल डालने से ठीक पहले नॉन स्ट्राइकर अपनी क्रीज से बाहर निकलता है और बाॅलर स्टम्पस पर बॉल थ्रो करते हुए उसे आउट करता है तो नॉन स्ट्राइकर को रन आउट (मांकडिंग) करार दिया जाएगा. पहले ये रनआउट की कैटेगरी में नहीं था. यदि इस तरह के रनआउट में अपील नहीं की जाती है तो अंपायर इसे डेड बॉल करार दे सकते हैं. ये बाॅल भी ओवर में नहीं काउंट की जाएगी.