Chhath Puja 2023 Day 4: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में चार दिनों का छठ महापर्व पड़ता है. इसका समापन 20 नवंबर को हो गया है. हिंदू धर्म का सबसे कठिन व्रत माना जाने वाला छठ चार दिनों तक चलता है और इसमें लगभग 36 घंटों तक व्रत रहा जाता है. इस साल छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से हुई थी जिसमें नहाय-खाय, खरना, छोटी छठ और बड़ी छठ पूजा की जाती है. छठ महापर्व यूपी, बिहार और झारखंड में मुख्यरूप से मनाया जाता है. इसके नियम बहुत कठिन होते हैं लेकिन अगर श्रद्धा के साथ इस पर्व को मनाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. छठ पूजा समापन के बाद क्या-क्या करना चाहिए चलिए आपको बताते हैं.

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छठ पूजा के समापन के बाद क्या करें? (Chhath Puja 2023 Day 4)

20 नवंबर 2023 दिन सोमवार को कार्तिक माह की छठ पूजा का समापन हो चुका है. छठ पूजा का समापन गुड़ और अदरक खाकर करना चाहिए इसी के साथ व्रत रखने वाले पारण भी करते हैं. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सूर्य दर्शन किये जाते हैं और उसके बाद अदरक और गुण खाते हैं. इसके बाद व्रत रखने वालों को कुछ भी खाने-पीने की अनुमति मिलती है. छठ पूजा जितना कठिन होता है उसमें बहुत सुकून भी होता है और इस व्रत को करने वाले भक्त कभी नहीं सोचते कि ये व्रत कठिन है. ऐसा इसलिए संभव हो पाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस व्रत में बहुत शक्ति होती है. इस दिन की पूजा करने के तुरंत बाद व्रत रखने वाले लोगों को प्रसाद बांटते हैं और जिनके तक छठी मईया का प्रसाद नहीं पहुंचता उन्हें खुद मांगकर खा लेना चाहिए ये बहुत ही पुण्य का काम होता है.

छठ पूजा का महत्व क्या है?

छठ पूजा महापर्व होता है क्योंकि इस पर्व को आस्था और श्रद्धापूर्वक करते हैं. इसी के कारण इस व्रत को विदेशों में भी छठ पूजा मनाई जाती है. छठ पर्व में साफ-सफाई को महत्वता दी गई है क्योंकि मान्यता है कि ढाई दिन के लिए छठ मईया घर आती हैं. छठी मईया की पूजा के चार दिनों में घर में मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज और जूठन करना पूरी तरह से वर्जित होता है. छठ पूजा का व्रत लोग अपनी संतान की सुख-शांति, लंबी उम्र और परिवार के कल्याण के लिए करते हैं. छठ पूजा को मुख्यरूप से गंगा घाट के किनारे ही किया जाता है और इन दिनों में यूपी, बिहार के घाटों में खूब भीड़ होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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