भारतीय फुटबॉल पर छाया संकट समाप्त हो गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व फुटबॉल को संचालित करने वाली संस्था फीफा (FIFA) ने अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ पर लगाए गए बैन को हटा दिया है. साथ ही भारत को फिर से अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी सौंप दी है.

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एआईएफएफ के कार्यकारी समिति द्वारा दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद फीफा ने ये फैसला लिया है. फीफा और एशियाई फुटबॉल संघ एआईएफएफ में परिस्थितियों की निगरानी करना जारी रखेंगे और समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ का समर्थन करेंगे.

फीफा ने अपने बयान में कहा कि ‘परिषद ने 25 अगस्त को एआईएफएफ के निलंबन को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्णय लिया है. अब फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 11 से 30 अक्टूबर तक भारत में पुरानी योजना के अनुसार आयोजित किया जा सकता है. एआईएफएफ के कामकाज को संचालित करने के लिए नियुक्त तीन सदस्य प्रशासकों की समिति की बर्खास्तगी और एआईएफएफ प्रशासन द्वारा संघ के दैनिक मामलों पर पूर्ण निमंत्रण हासिल करने की पुष्टि होने के बाद इस बात का निर्णय हुआ है.’

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के कामकाज की संचालन करने वाली 3 सदस्यीय समिति को भंग करने का आदेश दिया. साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि एआईएफएफ के रोजाना के कामकाज को कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे. साथ ही कोर्ट ने एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के गठन का फैसला किया था.

बता दें कि इस कार्यकारी समिति में कुल 23 सदस्य होंगे जिनमें 6 खिलाड़ी होंगे. वहीं, कोर्ट ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव को एक सप्ताह के लिए स्थगित करने का आदेश दिया था कि मतदाता लिस्ट में बदलाव और रामायण पर करियर की शुरुआत हो सके.

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जानिए क्यों फीफा ने लगाया था बैन

एआईएफएफ के चुनाव के लिए अब नई वोटर लिस्ट में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 36 प्रतिनिधि शामिल होंगे और इसमें खिलाड़ियों को जगह नहीं मिलेगी. गौरतलब है कि जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा 3 अगस्त को पारित आदेश में चुनाव के लिए 36 फुटबॉल खिलाड़ियों को भी निर्वाचक मंडल में शामिल करने का निर्देश दिया था. इसके बाद फीफा ने तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी मानते हुए एआईएफएफ पर बैन लगा दिया था.