फोटोग्राफी (Photography) एक ऐसी कला है जिसके
द्वारा हम अपने जीवन के हंसी के पलों को कैमरे  (Cameras)में कैद करते हैं. आज के टेक्नोलॉजी
युग में तस्वीरें लेना बहुत आसान हो गया है. लोग अपने मोबाइल से सेल्फी  (Selfie) लेते हैं.
लेकिन पहले के जमाने में तस्वीरें लेना काफी महंगा सौदा हुआ करता था.

फोटोग्राफी डे उन महान फोटोग्राफरों
के कार्यों को याद करता है जिन्होंने कुछ अद्भुत शॉट्स को क्लिक करने और उन्हें
हमारे साथ साझा करने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. कुछ लोग इस दिन को अपने
सोशल मीडिया पर अपनी सर्वश्रेष्ठ क्लिक साझा करके बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं,
जबकि कुछ फोटोग्राफर कुछ प्रतिस्पर्धी आयोजनों में भाग
लेते हैं और युवा पीढ़ी को फोटोग्राफी को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित
करते हैं. आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास और महत्व के बारे में.

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विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास

विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास 1837 का है जब
फ्रांसीसी जोसेफ नाइसफोर नीपसे और लुई डागुएरे ने ‘डग्युएरियोटाइप’ का
आविष्कार किया था. यह दुनिया की पहली फोटोग्राफिक प्रक्रिया थी.

9 जनवरी,
1839 को, फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज ने आधिकारिक तौर
पर डैगुएरियोटाइप का समर्थन किया.

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19 अगस्त, 1839 को फ्रांस सरकार ने इस उपकरण का पेटेंट खरीद लिया.
डग्युरियोटाइप के आविष्कार को तब दुनिया के लिए एक उपहार घोषित किया गया था
क्योंकि इसे सभी के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया गया था.

बाद में, इस दिन को
विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में चिह्नित किया गया.

विश्व फोटोग्राफी दिवस का महत्व

विश्व फोटोग्राफी दिवस न केवल उन
लोगों को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने फोटोग्राफी के क्षेत्र में
महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि यह लोगों को फोटोग्राफी के क्षेत्र में अपना कौशल
दिखाने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.

जैसे-जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और
अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे
युवाओं में फोटोग्राफी का क्रेज भी बढ़ता जा रहा है. तकनीकी उपकरणों में प्रगति और
उनके उपयोग में आसानी ने लोगों को फोटोग्राफी को करियर के रूप में अपनाने के लिए
प्रेरित किया है.