पीले रंग की हल्दी का इस्तेमाल भारतीय किचन में हर रोज किया जाता है. इसके अलावा हल्दी में औषधीय गुण होता है. जिस कारण इसका प्रयोग मेडिकल लाइन में भी किया जाता है. हल्दी वाला दूध भी कई बीमारियों में पिया जाता है. साथ ही स्किन केयर के लिए भी हल्दी लगाना फायदेमंद होता है.

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हल्दी के अनेक फायदे है पर यह कपड़ों पर लग जाए तो मुसीबत बन जाती है. हल्दी के दाग कपड़ो पर लगने के बाद इसे साफ करना एक चुनौती बन जाता है. इस पीली हल्दी को साफ करने के लिए जैसे ही साबुन या सर्फ का प्रयोग किया जाता है. तो मैजिक के तौर पर हल्दी का पीला रंग लाल हो जाता है. आखिर ऐसा क्यों होता है. आज हम आपको इसके पीछे के रोचक तथ्य के बारे में बताते हैं.

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हल्दी का लाल हो जाना:

हल्दी का वैज्ञानिक नाम कुरकुमा लोंगा है.और यह जिंजिबेरेसी नामक कुल की है. यानी वैसे चीजें जिसकी जड़ को खाया जाता है। हम हल्दी के फल को नहीं बल्कि उसकी जड़ का इस्तेमाल करते हैं. हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है, जो चोट लगने पर लगाया जाता है. इसके अलावा हल्दी एक नेचुरल इंडिकेटर भी है. इंडिकेटर्स की मदद से हम यह पता लगाते हैं, कि पदार्थ अम्लीय है या क्षारीय. वैसे तो इसका पता लैब में लिटमस के द्वारा किया जाता है परंतु हल्दी भी नेचुरल इंडिकेटर का काम करती है.

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साबुन में क्षार होता है. ऐसे में हल्दी के संपर्क में आते ही हल्दी का रंग लाल हो जाता है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो समझिए साबुन नकली है. सालों से हल्दी का इस्तेमाल साबुन की पहचान के लिए किया जा रहा है. अब आपको समझ आ गया होगा कि साबुन के संपर्क में आते ही हल्दी का पीला रंग लाल क्यों हो जाता है?

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