विवेक अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ (The Kashmir Files) को रिलीज हुए पूरे पांच दिन हो चुके हैं. द कश्मीर फाइल्स’ में 1990 में कश्मीरी पंडितों पर ढाए गए जुल्मों के बारें में बताया गया है. इस फिल्म के हर एक किरदार की काबिलेतारीफ है. इस फिल्म में हर कैरेक्टर ने बखूबी अपने रोल को निभाया है.

अनुपम खेर( Anupam Kher) ने फिल्म में पुष्कर नाथ पंडित (Retired Teacher) का रोल निभाया है, जो श्रीनगर में अपने बेटे-बहू और दो पोतों के साथ रहते हैं. उनका पोता Darshan Kumar मूवी के आखिरी में बताता है कि उनके दादा यानी पुष्कर नाथ पंडित को डिमेंशिया (Dementia) नाम की बीमारी है. आइये जानते हैं क्या है डिमेंशिया बीमारी.

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डिमेंशिया क्या है

कुछ लोग डिमेंशिया को पागलपन कहते हैं, तो कुछ लोग दिमाग खराब होना. लेकिन ऐसा नहीं है. डिमेंशिया इन सबसे अलग मेंटल डिसऑर्डर है. यह खुद एक बीमारी नहीं है. बल्कि यह कुछ मेंटल डिसऑर्डर जैसे पार्किंसंस, अल्जाइमर, डिप्रेशन, स्ट्रेस, टेंशन आदि के बाद की स्थिति होती है. आम भाषा में कहें तो डिमेंशिया में इंसान की सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाती है. डिमेंशिया उन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जो पूरे मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य करती हैं. डिमेंशिया के कारण इंसान के दिमाग और शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ डिमेंशिया की संभावना बढ़ती जाती है.

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डिमेंशिया के लक्षण

स्मरण शक्ति की क्षति का होना, ज़रूरी चीज़ें भूल जाना.

सोचने में कठिनाई होना.

छोटी-छोटी समस्याओं को भी न सुलझा पाना.

भटक जाना.

व्यक्तित्व में बदलाव.

किसी वस्तु का चित्र देखकर यह न समझ पाना कि यह क्या है.

नंबर जोड़ने और घटाने में दिक्कत, गिनती करने में दिक्कत

समस्या हल करने या भाषा और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत का होना.

यहां तक कि डिमेंशिया लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं होते हैं. यानी मूड या व्यवहार का बदलना.

पहल करने में झिजक का होना आदि.

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डिमेंशिया का इलाज नहीं

दुर्भाग्यवश, इस बिमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है और वैज्ञानिक अभी भी इस बीमारी के कारणों की खोज कर रहे हैं, विकारों का प्रबंधन जैसे अल्जाइमर रोग इसके अंतर्निहित कारणों के बजाय, देखभाल और उपचार के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करता है. इसलिए, कुछ दवाओं द्वारा अल्जाइमर रोग के लक्षणों को कम किया जा सकता है. डिमेंशिया आमतौर पर सेरेब्रल कॉर्टेक्स (Cerebral Cortex) में गड़बड़ी के कारण होता है, यह विचार करने, निर्णय लेने और व्यक्तित्व को कायम रखने का भी काम करता है. जब इन हिस्सों में मस्तिष्क कोशिकाएं नष्ट हो जाती है तो यह संज्ञानात्मक दोष का कारण बन जाता है, जो डिमेंशिया की विशेषता है.

सिर पर चोट लगना, मस्तिष्क में ट्यूमर, संक्रमण, हार्मोन विकार जैसे थायरॉइड रोग, हाइपोक्सिया, मेटाबोलिक संबंधी विकार, नशे की लत आदि डिमेंशिया ने कुछ ऐसे कारण है जिससे इस रोग के होने का खतरा बढ़ सकता है.

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