गंगा, यमुना नदी के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, फिर भी अभी बहुत काम किया जाना बाकी है. नदियों की गंदगी के लिए कहीं न कहीं हम सभी जिम्मेदार हैं. लेकिन इन नदियों में एक नदी ऐसी भी है, जिसे दुनिया की सबसे स्वच्छ नदी में गिना जाता है. जी हां, ये उमंगोट (Crystal Clear River Umngot) नाम की ये नदी मेघालय में स्थित है. इसे साफ और स्वच्छ बनाए रखने की परंपरा यहां के लोगों ने बनाई है.

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कांच की तरह दिखती है नदी

बता दें कि यह नदी मेघालय की राजधानी शिलांग से 95 किमी दूर भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पूर्वी जयंतिया पहाड़ियों में बहती है. इस नदी का नाम उमंगोट है, लेकिन इसे अधिकतर लोग डौकी नदी के नाम से जानते हैं. यहां आकर पहाड़ों पर बहने वाले पानी की आवाज सुनना, कानों को बेहद सुकून देता है. पक्षियों की चहचाहट हर समय यहां सुनाई देती है. नदी में पड़ने वाली सूरज की किरणें दिल को बहुत सुकून देती हैं. दिखने में यह नदी इतनी साफ है कि कांच की तरह सबकुछ साफ दिखाई देता है.

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उमंगोट नदी इतनी खूबसूरत और स्वच्छ है कि आपको इस नदी के नीचे पड़े हुए पत्थर भी बिल्कुल साफ दिखाई देते हैं. इसके आर-पार आप आसानी से देख सकते हैं. इस नदी में चलती नाव ऐसे दिखती है कि वह हवा में तैर रही है. इतना साफ पानी आपने शायद ही किसी नदी का देखा होगा.

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गांव के लोग करते हैं सफाई

उंमगोट नदी मेघालय के तीन गांवों दावकी, दरंग और शेनांगगेंडेग से होकर बहती है. इन तीन गांवों में 300 से ज्यादा घर हैं. खासी समुदाय के लोग मिलकर इस नदी की सफाई करते हैं. यहां तक की जो लोग इस नदी में गंदगी फैलाते हैं, उनपर पूरे 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. यहां लोग घूमने और बोटिंग के लिए आते हैं. यह नदी भारत की सबसे खूबसूरत नदियों में से एक है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.