Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Quotes: 5 सितंबर के दिन देशभर में शिक्षक दिवस यानी Teachers Day मनाया जाता है. इस दिन आजाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. उन्होंने स्कॉलरशिप पर पढ़ाई की और दार्शनिक शास्त्र विषय से पीएचडी किया. एक कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाए और जब उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की ठानी तो उन्होंने इस दिन को टीचर्स डे के तौर पर मनाने की बात रखी. उनकी बात को माना गया और इस दिन देश के सभी शिक्षकों का सम्मान किया जाता है. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की कुछ प्रेरणादायक बातों को हर किसी को अपनाना चाहिए.

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 10 प्रेरणादायक बातें (Sarvepalli Radhakrishnan Motivational Quotes)

1.शिक्षक वो नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे
बल्कि वास्तव में शिक्षक वो है जो छात्र को आने वाले कल
की चुनौतियों के लिए तैयार करता है

2.उम्र या युवावस्था का काल क्रम से
कोई लेना देना नहीं होता है
हम उतने ही नौजवान या बूढ़े हैं
जितना हम महसूस करते हैं

3.जीवन के सारे संगठन अप्रभावी हो जाएंगे
अगर यह सत्य कि प्रेम द्वेष से शक्तिशाली
होता है उन्हें प्रेरित नहीं करता

4.किताबें पढ़ने से हमें एकांत में
विचार करने की आदत और
सच्चा आनंद मिलता है..

Dr Sarvepalli Radhakrishnan
हर साल 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. (फोटो साभार: Twitter)

5.सही मायने में शिक्षक वे होते हैं
जो हमें खुद के लिए चिंतन करना
सिखाते हैं

6.किसी विद्यालय की महानता या गरिमा
का निर्धारण उसकी इमारतों या उपकरणों
से नहीं होता बल्कि कार्यरत अध्यापकों की
विद्वता व चरित्र से निर्धारण से होता है.

7.जब हम ये सोचने लगते हैं कि
हम सबकुछ जानते हैं तब
हमारा सीखना भी बंद हो जाता है

8.एक साहित्यिक प्रतिभा,
ऐसा कहा जाता है कि हर एक
की तरह दिखती है लेकिन
उस जैसा कोई नहीं दिखता

आपकी जानकारी के लिए बता दें, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. उनका जन्म तमिलनाडु के तिरुत्तानी शहर में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था. डॉ. राधाकृष्णन बचपन से ही पढ़ने में तेज थे और उन्हें कई स्कॉलरशिप भी जिसके जरिए उन्होंने आगे की पढ़ाई की. डॉ राधाकृष्णन ने ईसाई कॉलेज, मद्रास में दार्शनिक शास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त हुई थी.अपनी डिग्री पूरी करने के बाद डॉ राधाकृष्णन मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज में दार्शनिक शास्त्र के प्रोफेसर बन गए.

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