आज के समय में सारा काम डिजिटल होता जा रहा है. बैंक से लेकर पढ़ाई तक सब कुछ एक फोन में सिमट गया है. टेक्नोलॉजी से लोगों को फायदे भी पहुंचते हैं और नुकसान भी. टेक्नोलॉजी की वजह से बच्चों में किताब पढ़ने की आदत लगभग खत्म होती जा रही है. बच्चे अपना अधिकतर समय मोबाइल फोन के इस्तेमाल में बिताते हैं. कभी गेम खेल लेते हैं तो कभी क्लास ले लेते हैं. ऐसे में उनकी भाषा, उच्चारण की समझ और शब्दों का ज्ञान सीमित होता जा रहा है जो उनके भविष्य के लिए उचित नहीं है.

किताब पढ़ने से सिर्फ जानकारी और ज्ञान ही प्राप्त नहीं होता बल्कि बच्चों में धैर्य, सोचने-समझने की क्षमता, लिखावट और स्मरण का विकास होता है. किताबों की सहायता से बच्चा खुद से कहानियां बनाना और लिखना भी सीख जाता है. किताबें पढ़ने से बच्चों में एकाग्रता बढ़ती है व नींद भी अच्छी आती है इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों में किताब पढ़ने की आदत का विकास जरूर कराना चाहिए. अपने इस लेख में हम आपको कुछ आसान उपायों के बारे में बताएंगे जिनकी सहायता से आप बच्चों को किताब पढ़ने के लिए जागरूक कर सकते हैं.

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1. घर से करें शुरुआत

सभी बच्चों के लिए पहली पाठशाला उनका खुद का घर होता है और पहले शिक्षक उनके माता-पिता. अगर आप किताब पढ़ते हैं तो इस बात का अनुसरण आपके बच्चे भी करेंगे. उनके अंदर भी किताब पढ़ने की रुचि पैदा होगी. इसके लिए आपको अपने घर में पढ़ने-लिखने का माहौल बनाना होगा. अगर आप अपने बिस्तर पर मोबाइल फोन की जगह किताबें पढ़ते हैं तो आपका बच्चा भी धीरे-धीरे इन आदतों को अपना लेगा. किताबों को लेकर उनकी दिलचस्पी पैदा होगी. आपको अपने बच्चों को उम्र के हिसाब से ही किताबें देनी होगी ताकि उसमें उनका मन लगे.

2. साहित्य की बातें बताना जरूरी

बच्चों को किताबें पढ़ने के लिए जागरूक करने के लिए सबसे सरल उपाय है कि आप उन्हें नई-नई कहानियां सुनाएं. उदाहरण के तौर पर बताऊं तो आप उन्हें गीता, रामायण  की दिलचस्प कहानियां सुनाएं ताकि बच्चे बुक पढ़ने को लेकर उत्साहित हो जाए. अगर आप अपने बच्चे को खरगोश और कछुआ की कहानी सुनाते हैं तो उनके सामने किताब खोल कर रखें ताकि वो चित्रों के माध्यम से किताब को पढ़ने की आदत बना सकें. इसके अलावा आप उन्हें भी कहानी सुनाने को कहें ताकि बच्चा किसी चीज को ज्यादा समय तक याद करके रख सकें.

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3. बच्चे के साथ किताब जरूर पढ़ें

बच्चों पर कभी भी किताब पढ़ने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए. इसकी जगह आप उनके साथ बैठकर किताब को पढ़े. इससे उन्हें पढ़ने में भी मन लगेगा और किताबों को लेकर रुचि भी पैदा होगी. अगर आपने एक दिन उनके साथ कोई कहानी पढ़ी तो आप पाएंगे कि अगले दिन वो खुद किताब लेकर आएंगे और दूसरे कहानी पढ़ना शुरू कर देंगे. इस एक्टिविटी की सहायता से आप अपने बच्चों के साथ समय बिता पाएंगे और उन्हें पढ़ने में भी आनंद आएगा.

4. बच्चों को होमवर्क जरूर दें

आप बच्चों को अपने साथ बैठ कर पढ़ाई कराएं. फिर रोज उन्हें एक छोटा सा चैप्टर या पैराग्राफ पढ़ने को जरूर कहें. इससे उन्हें खुद किताबों को पढ़ने की आदत डेवलप हो जाएगी. इसके अलावा आप उन्हें सोते वक्त उस कहानी को सुनाने को कहें. इस तरह वो अपनी बात बेहतर ढंग से प्रकट कर पाएंगे. इसके अतिरिक्त शब्दों की चयन क्षमता, बोलने की शैली, संवाद का तरीका भी बच्चों को धीरे-धीरे आ जाएगा.

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5. बच्चों को लाइब्रेरी जरूर ले जाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को किताब पढ़ने की आदत डल जाएं तो उसके लिए आप उन्हें लाइब्रेरी में जरूर ले जाएं. लाइब्रेरी एक ऐसी जगह है जहां आपके बच्चे अपनी मनपसंद  किताब को चुनकर पढ़ सकते हैं. लाइब्रेरी में कुछ देर आप भी कोई किताब जरूर पढ़ें और बच्चे को उनकी मनपसंद किताब पढ़ने के लिए कह सकते हैं. किताब को पढ़ने की वजह से बच्चे अपने आपको किसी दूसरे व्यक्ति के सामने अच्छे से एक्सप्रेस कर पाते हैं. किताब पढ़ने से बहुत फायदे प्राप्त होते हैं इसलिए बच्चों को किताब पढ़ने की आदत जरूर डलवाएं.

इन चीजों से अपने बच्चों को रखें दूर

1. जब भी आपका बच्चा किताब पढ़ रहा हो तो उसके आसपास कोई मोबाइल फोन ना रखें. अगर रखें तो उसे साइलेंट करके ही रखें क्योंकि अगर मोबाइल फोन बज गया तो बच्चा डिस्टर्ब हो सकता है.

2. इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा सही पोजीशन में बैठकर ही पढ़ाई कर रहा हो क्योंकि गलत पोजीशन में बैठकर पढ़ाई करने से बच्चा जल्दी थक जाता है.

3. अपने बच्चों को कभी भी एक दिन में बहुत अधिक पढ़ने के लिए फोर्स ना करें. इससे बच्चे का मन किताब पढ़ने में नहीं लगेगा. आपको रोजाना छोटे-छोटे टारगेट सेट करने होंगे.

4. किताब पढ़ते वक्त हमेशा बच्चों को भी कहानी दोहराने के लिए कहें. इसकी सहायता से उनका उच्चारण भी सही होगा और बोलने की झिझक भी खत्म हो जाएगी.

5. बच्चों को हमेशा किताब पढ़ने को लेकर जिज्ञासु बनाएं. उनसे बात करें कि कहानी में आगे क्या होगा ताकि उनका मन बार-बार किताब पढ़ने को करें.

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