बचपन से ही बच्चों को अच्छी आदतें डालना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. ऐसा इसलिए क्योंकि खराब आदतें व्यक्ति के जीवन में लंबे समय तक असर डाल सकती है. उदाहरण के तौर पर बताएं तो आमतौर पर बच्चे पेट के बल लेट कर सोते हैं, खाते हैं या फिर खेलते हैं. थोड़े बड़े होने पर यही उनकी आदत बन जाती है और फिर वह आगे चलकर पढ़ाई लिखाई भी लेट कर ही करते हैं. इसकी वजह से बच्चों में बड़े होने के साथ कई सारी शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न होने लगती हैं. जैसे बार-बार होने वाले शरीर दर्द की शिकायत कर सकते हैं. समय के साथ बच्चे आलसी हो जाते हैं जिससे उन्हें बाकी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.

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पेट के बल लेटे रहने से हो सकती हैं ये समस्याएं-

1. गर्दन में दर्द

पेट के बल सोने से या लेटे रहने से गर्दन में दर्द की शिकायत हो सकती है. दरअसल, जब बच्चे पेट के बल लेटकर पढ़ते हैं या खेलते हैं तो घंटों इसी स्थिति में रहने की वजह से गर्दन में तेज दर्द होने लगता है. इससे बच्चों को छोटी उम्र में ही सर्वाइकल की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा बच्चे रो-रो कर इस बात की शिकायत कर सकते हैं कि उनकी गर्दन अकड़ गई है और दर्द हो रहा है जबकि ये सर्वाइकल के लक्षण हो सकते हैं और गर्दन की नसें भी प्रभावित हो सकती हैं.

2. रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्याएं

जब बच्चे लेट कर पढ़ाई करते हैं तो उन्हें रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. उनकी पीठ में भी दर्द हो सकता है. इसके अलावा रीढ़ की हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव भी आ सकता है. इससे बच्चे बार-बार परेशान हो सकते हैं और हड्डियों में दर्द की शिकायत कर सकते हैं.

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3. डाइजेशन खराब हो सकता है

पेट के बल लेट कर पढ़ाई करने से या फिर खेलने से बच्चों का डाइजेशन खराब हो सकता है. खराब डाइजेशन यानी बच्चों में मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकता है और कब्ज व बदहजमी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. इसके कारण बच्चों का मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है और उनका वजन बढ़ने लग जाएगा. साथ ही यह पोस्चर पाचन क्रिया को भी प्रभावित करता है जिसकी वजह से बच्चों की भूख भी प्रभावित हो सकती है.

4. आंखें कमजोर हो सकती है

पेट के बल सोने से, पढ़ने से या खेलने से बच्चों की आंखों पर बुरा असर पड़ सकता है. दरअसल, बच्चों की आंखों के लिए यह पोजीशन नुकसानदायक है. इससे आंखों पर जोर पड़ता है. आई साइट वीक हो सकती है. साथ ही इस पोजीशन में लंबे समय तक रहने से आंखें धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं.

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5. खराब बॉडी पोस्चर

पेट के बल सोना एक खराब बॉडी पोस्चर है जिसका खामियाजा पूरे शरीर को भुगतना पड़ सकता है. यानी कि अगर बच्चे पेट के बल सोते हैं तो उनका बॉडी पोस्चर खराब हो सकता हैं. जैसे कि सीधे खड़े होने पर आप देख सकते हैं कि उनकी पीठ सीधी नहीं रहती. पीठ सीधी करके नहीं चल पाते और इसी तरह उनको कई अन्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है इसलिए अपने बच्चों की बेहतरी के लिए उन्हें बताएं कि कभी भी सो कर या लेट कर किसी भी काम को ना करें.

लेट कर गेम्स खेलना, पढ़ना भी नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि इससे बच्चा धीरे-धीरे आलसी बन जाता है और उसके वजन में बढ़ोतरी भी होने लगती है. बच्चों को बताएं कि एक सही जगह पर टेबल-कुर्सी पर बैठकर और सही लाइट में पढ़ाई करें. अगर उन्हें गेम खेलना है तो आराम से बैठकर गेम्स खेलें. हर चीज के लिए एक सही पोस्चर होना बहुत जरूरी है. गलत पोस्चर से बच्चा बीमार पड़ सकता है. अगर आपके बच्चों में ये बुरी आदतें नहीं है तो आप उन्हें एक्सरसाइज करने के लिए कह सकते हैं. एक्सरसाइज करने से बच्चा एक्टिव रहेगा जिसकी वजह से दिल और दिमाग दोनों स्वस्थ बने रहेंगे.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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