उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस ने विपक्षी दलों का एक संयुक्त उम्मीदवार चुनने के लिए कयावद शुरू कर दी है. कांग्रेस जल्द ही इसकी चर्चा के लिए विपक्षी दलों के साथ बैठक कर सकती है. इस प्रक्रिया में एक बार फिर कांग्रेस के साथ ममता बनर्जी और शरद पवार की भूमिका अहम होगी. बता दें कई पूर्व वित्त और विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार हैं.

कांग्रेस ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए एक उम्मीदवार का चयन करने के लिए विपक्षी दलों के साथ संपर्क करने का जिम्मा सौंपा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी लेकिन पार्टी अभी पहले विपक्षी दलों के साथ बातचीत करके संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाने में जुटी है. 

यह पूछे जाने पर कि क्या उम्मीदवार पार्टी से होगा? ANI ने शीर्ष सूत्रों के हवाले से कहा कि यह जरूरी नहीं है कि उम्मीदवार पार्टी से ही होगा. यह किसी अन्य पार्टी से भी हो सकता है लेकिन पहली और सबसे महत्वपूर्ण शर्त सर्वसम्मति है. 

यह भी पढ़ें: भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव की तारीख आई सामने, जानिए डिटेल्स

यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्ष के पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त संख्या है? इस पर पार्टी के एक नेता ने कहा कि वे राजनीतिक लड़ाई लड़ना चाहते हैं क्योंकि लोकतंत्र में वॉकओवर नहीं दिया जा सकता.

बता दें कि कुछ विपक्षी दलों की राष्ट्रपति पद के बारे में अलग-अलग राय है. इस पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को कुछ विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है. वह आदिवासी समुदाय से आती हैं और ऐसा लगता है कि वह कुछ क्षेत्रीय दलों से समर्थन प्राप्त करने में सफल होंगी. राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा विपक्षी दलों के उम्मीदवार हैं. तय हार के बावजूद सिन्हा और उन्हें समर्थन करने वाले दलों का प्रयास जारी है. 

यह भी पढ़ें: भारत के नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही क्यों लेते हैं शपथ? जानिए वजह

हालांकि, उपराष्ट्रपति चुनाव में तस्वीर अलग हो सकती है. चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 जुलाई है जबकि मतदान 6 अगस्त को होना है. अब तक एनडीए ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. छह अगस्त को होने वाले उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन मंगलवार (5 जुलाई) से शुरू हो गए हैं.