भारत के 15वें राष्ट्रपति का चुनाव आने वाली 18 जुलाई को होना है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, संयुक्त विपक्ष ने पूर्व वित्त व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया है. 21 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे और 25 जुलाई 2022 को नए राष्ट्रपति शपथ लेंगे. आपको एक खास बात बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि कोई राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे बल्कि भारत में वर्षों से ये परंपरा चली आ रही है कि नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथ लेते हैं. अपने इस लेख में हम आपको इस परंपरा के बारे में बताएंगे और वह पहले राष्ट्रपति कौन थे जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली थी उसके बारे में भी बताएंगे.

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भारत के कितने राष्ट्रपतियों ने ली 25 जुलाई को शपथ

हमारे देश में अब तक कुल 9 राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को शपथ ली है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है और हर 5 साल में एक बार लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं. राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक खास किस्म की चुनाव प्रक्रिया का पालन किया जाता है. इसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं. इसके तहत मतदाता अपनी पसंद के अनुसार 1, 2, 3, 4 के क्रम में उम्मीदवारों का चयन करता है, लेकिन किसी भी स्थिति में उसका एक ही वोट गिना जाता है.

जानिए कितने राष्ट्रपतियों ने 25 जुलाई को नहीं ली शपथ

भारत के कुल 5 राष्ट्रपति ऐसे रहे हैं जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ नहीं ली. इनमें सबसे पहला नाम देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का आता है. उन्होंने 26 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी और अब तक इकलौते ऐसे राष्ट्रपति हैं जो एक से ज्यादा कार्यकाल के लिए चुने गए. इनके अलावा देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई 1962 को शपथ ली थी. वहीं, जाकिर हुसैन ने 13 मई 1967 को देश के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. बता दें कि जाकिर हुसैन का उनके कार्यकाल के दौरान ही निधन हो गया था.

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उनके बाद चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरी ने 24 अगस्त 1969 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उनके बाद पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 24 अगस्त 1974 को शपथ ली थी. भारत के पांचवें राष्ट्रपति का भी उनके कार्यकाल के दौरान ही निधन हो गया था.

इस दौरान तीन अवसर ऐसे भी आए जब देश में कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे. पहली बार जब जाकिर हुसैन का निधन हुआ तो उस समय वीवी गिरी 3 मई 1969 से 78 दिन तक कार्यवाहक राष्ट्रपति रहे. उनके बाद 20 जुलाई 1969 से अगले 35 दिनों के लिए मोहम्मद हयातुल्ला देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने. पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के निधन के बाद बीडी जत्ती भी 11 फरवरी 1977 से अगले 164 दिन तक देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने.

देश के किस राष्ट्रपति ने पहली बार 25 जुलाई को ली थी शपथ?

भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई को शपथ ली थी. वह पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली. देश में आपातकाल के बाद जब पहली बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ तो पूर्व में जनता पार्टी के नेता रहे नीलम संजीव रेड्डी देश के राष्ट्रपति चुने गए. बता दें कि नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी.

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जानिए 25 जुलाई को ही राष्ट्रपति पद की शपथ क्यों होती है

इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, इसका कोई विशेष कारण नहीं है. देश के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी और उनके बाद के अब तक के सभी राष्ट्रपतियों ने अपना कार्यकाल पूरा किया है. राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है. इस तरह से नीलम संजीव रेड्डी और उनके बाद के अब तक 7 राष्ट्रपतियों यानी कुल 8 ने अपना कार्यकाल पूरा किया है. ऐसे में हर बार उनका कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने के साथ ही 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति शपथ लेते हैं. मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को पूरा हो जाएगा और इस बार राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू व यशवंत सिन्हा में से जो भी चुनाव जीतेगा वह 25 जुलाई 2022 को शपथ लेगा.