देश में नए थल सेना प्रमुख का ऐलान हो गया है. रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को अगले सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त होंगे. वह वर्तमान थल सेना अध्यक्ष जनरल मुकुंद नरवणे की जगह लेंगे. नरवणे का कार्यकाल 30 अप्रैल 2022 को खत्म हो रहा है. इसके बाद थल सेना अध्यक्ष का पद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे संभालेंगे. नरवणे को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद की प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे माना जा रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे, जो सेना प्रमुख की कमान संभालेंगे.

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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स में कमीशन दिया गया था. वह स्टाफ कॉलेज, केम्बरली (यूके) से स्नातक हैं और उन्होंने आर्मी वॉर कॉलेज, महू और दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज में हायर कमांड कोर्स में भी भाग लिया था.

मनोज पांडे ने अपने 39 साल के सैन्य करियर में ऑपरेशन विजय और ऑपरेशन पराक्रम जैसे सैन्य अभियान में इंजीनियर रेजिमेंट के तौर पर कमान संभाली थी.

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गौरतलब है कि, ऑपरेशन पराक्रम की शुरुआत दिसंबर 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले के बाद हुई थी. इसके तहत पाकिस्तान से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर सैनिकों और हथियारों की बड़े पैमाने पर लामबंदी की गई थी. इस वक्त भारत और पाकिस्तान युद्ध की कगार पर खड़े थे. मनोज पांडे ने अपने 39 साल के सैन्य करियर में पश्चिमी थिएटर में एक इंजीनियर ब्रिगेड, एलओसी के साथ एक पैदल सेना ब्रिगेड, लद्दाख सेक्टर में एक माउंटेन डिवीजन और उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली है. वह अंडमान और निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ का कार्यभार संभाल चुके हैं.

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जनरल मनोज पांडे पूर्वी कमान का कार्य संभालने से पहले अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर इन चीफ र चुके हैं. बता दें, पूर्वी कमान चीन, म्यांमार और बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले सभी पूर्वोत्तर राज्यों की देखभाल करता है. वहीं, इससे पहले उन्होंने भारतीय सेना के उप प्रमुख के रूप में भी पदभार संभाला था.

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