महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बाद से ही सियासी संकट जारी है. इसी बीच शिवसेना से राज्यसभा सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने समन जारी कर दिया है. संजय राउत को 28 जून 2022 को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, राउत को ये समन पात्रा चाॅल जमीन घोटाले के मामले में दिया गया है.

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प्रवर्तन निदेशालय ने राउत को समन जारी कर मंगलवार को साउथ मुंबई स्थित ऑफिस में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है. उनका ये बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किया जाएगा. इसी मामले में अप्रैल में ईडी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत और उनके करीबियों की 11.15 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति जब्त की थी. अब आपके मन में ये सवाल उत्पन्न हो रहा होगा कि आखिर ये पात्रा चाॅल जमीन घोटाला क्या है और इसमें संजय राउत का नाम कैसे सामने आया. चलिए आपको बताते हैं.

जमीन घोटाले के बारे में जानें

साल 2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पात्रा चाॅल के पुनर्विकास का काम सौंपा था. बता दें कि गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड की सिस्टर कंपनी है. इस समझौते के तहत गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चाॅल के किरायेदारों के 672 फ्लैट को पुनर्विकसित करना था और लगभग 3000 फ्लैट MHADA को सौंपने थे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये फ्लैट MHADA की 47 एकड़ जमीन पर बने थे, लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट रिडेवलप करने और MHADA को बाकी फ्लैट सौंपने की बजाय इस जमीन को 8 अलग-अलग बिल्डरों को 1 हजार 34 करोड़ रुपये में बेच दिया.

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फिर मार्च 2018 में MHADA ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई. इसके बाद फरवरी 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने प्रवीन राउत को गिरफ्तार किया. प्रवीन राउत HDIL में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ-साथ डायरेक्टर था.  वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं. बता दें कि बाद में प्रवीन राउत को जमानत पर छोड़ दिया गया, लेकिन हाल ही में उन्हें ED ने फिर से गिरफ्तार कर लिया है.

जानिए इस मामले में संजय राउत का नाम कहां से आया

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 1 फरवरी को केस दर्ज किया था. इस दौरान प्रवीण राउत और उसके करीबी सुजीत पाटकर से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गए थे. फिर 2 फरवरी को प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि पाटकर का बयान दर्ज किया गया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रवीण राउत और शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) कथित तौर पर दोस्त हैं. उसका नाम पीएमसी बैंक घोटाले की जांच में भी सामने आया था.

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जांच में सामने आया था कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का लोन बिना ब्याज के दे दिया था. इस लोन से संजय राउत के परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदा था. इस मामले में प्रवीण की पत्नी माधुरी और संजय की पत्नी वर्षा का बयान दर्ज किया गया था.

ईडी (ED) से जुड़े सूत्रों के अनुसार, साल 2010 में प्रवीण रावत को इक्विटी की बिक्री और लैंड डील के लिए 95 करोड़ रुपये मिले थे लेकिन कंपनी इन प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाई थी. इस मामले में ईडी द्वारा सुजीत पाटकर के घर की भी तलाशी ली गई थी और आपको बता दें कि पाटकर को संजय राउत का करीबी माना जाता है.

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शिवसेना राज्यसभा सांसद संजय राउत का क्या कहना है

प्रवर्तन निदेशालय के समन को शिवसेना राज्यसभा सांसद संजय राउत ने साजिश बताते हुए कहा कि अगर उन्हें मार भी दिया जाता है तो भी वह गुवाहाटी का रूख नहीं पकड़ेंगे. संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि ‘हम सब बालासाहेब के शिवसैनिक हैं. ये साजिश है. अगर मेरा सिर भी कलम कर दिया जाता है तो भी मैं गुवाहाटी नहीं जाऊंगा.’ इसके अलावा संजय राउत ने प्रवर्तन निदेशालय को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती भी दी है. वहीं, संजय राउत के भाई सुनील राउत कहते हैं कि बीजेपी का विरोध करने पर ED समन भेजकर सांसदों को डरा रही है.