What is H1B Visa: H1B Visa का मुद्दा लंबे समय से भारतीयों के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है. दरअसल, अमेरिका अपनी कंपनियों में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को जो वीजा देता है, उसे H1B वीजा कहा जाता है. H1B वीजा एक निश्चित अवधि के लिए जारी किया जाता है. अवधि समाप्त होने के बाद इसका रीन्यू कराना होता है. इससे जुड़े कई नियम-कायदे हैं जो विदेशी कामगारों के लिए मुश्किल हैं. अब पीएम मोदी ने इससे जुड़ी एक अच्छी खबर दी है. अमेरिका में भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एच1बी वीजा अब अमेरिका में ही रिन्यू कराया जा सकेगा. आइए जानते हैं कि H1B वीजा क्यों अलग है और इससे जुड़े नियम-कायदे क्या हैं?

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क्या है H1B वीजा? (What is H1B Visa)

आपको बता दें कि अगर कोई विदेशी व्यक्ति अमेरिका स्थित किसी कंपनी में नौकरी करना चाहता है तो उस कर्मचारी को H1B वीजा दिया जाता है. बिना H1B वीजा के कोई भी विदेशी अमेरिकी कंपनी में काम नहीं कर सकता. बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवर अमेरिकी कंपनियों में काम करने जाते हैं और उन्हें एच1बी वीजा भी लेना पड़ता है.

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H1B वीजा के लिए आवश्यक योग्यता क्या है?

एच1बी वीजा पाने के लिए व्यक्ति के पास स्नातक की डिग्री होनी चाहिए. इसके साथ ही 12 साल का कार्य अनुभव भी होना चाहिए. अमेरिका में जो नौकरी करनी है उसके लिए आवश्यक डिग्री और आवेदक की डिग्री एक जैसी होनी चाहिए. जिस काम के लिए विदेशी कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, वह कर्मचारी इतना तकनीकी होना चाहिए कि केवल विशेष डिग्री वाले ही उसे कर सकें. इसके अलावा आवेदक के पास अमेरिका में स्नातक की डिग्री या किसी विदेशी विश्वविद्यालय से समकक्ष डिग्री होनी चाहिए. सबसे खास बात यह है कि H1B वीजा के लिए कोई व्यक्ति नहीं बल्कि कंपनी आवेदन करती है.

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H1B वीजा के फायदे

H1B वीजा का फायदा यह है कि वीजा धारक अपने परिवार के सदस्यों यानी बच्चों और पति या पत्नी को अमेरिका ले जा सकता है. वे उनके साथ अमेरिका में भी रह सकते हैं. H1B वीजा के बाद ही कोई अमेरिका की स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है. एच1बी वीजा के लिए केवल बैचलर डिग्री, कार्य अनुभव और जिस कंपनी में आप काम करने जा रहे हैं वहां से ऑफर लेटर की जरूरत होती है.