वंदे मातरम भारत का राष्ट्रीय गीत (National song of India) है, जिसे बंगाल के प्रख्यात लेखक बंकिम चन्द्र चटर्जी (Vande Mataram writer Bankimchandra Chatterji) ने लिखा था. वंदे मातरम को 24 जनवरी 1950 को जन गण मन के साथ ही राष्ट्रीय गीत के तौर पर दर्जा दिया गया.

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वंदे मातरम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण और दिलचस्प बातें:

वंदे मातरम को मूल रूप से संस्कृत और बंगाली में बंकिम चंद्र चटर्जी ने 1876 में लिखा था.

वंदे मातरम साल 1881 में आनंदमठ में प्रकाशित हुआ और उसके बाद ये अधिक विख्यात हुआ. 

वंदे मातरम में मातरम शब्द का अर्थ मातृभूमि है और वंदे का अर्थ नमन है तो इसका पूरा अर्थ है कि ‘हे भारतमाता हम आपको नमन करते हैं.’

कांग्रेस के अधिवेशन से पहले वर्ष 1905 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में अपनाया गया था. 1905 के कांग्रेस के वाराणसी अधिवेशन में इसे सबसे पहले कवि सरला देवी चौदुरानी ने इसे गाकर लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया था.

इस राष्ट्रगीत को पूरा करने में लगभग 66 सेकंड लगते हैं.

साल 1952 में बनी फिल्म ‘आनंदमठ’ में वंदे मातरम को स्वर कोकिला लता मंगेश्कर द्वारा गाया गया है.

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राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के बोल (Vande Mataram lyrics in Hindi)

वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम्

शस्यशामलां मातरम् 

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीं

फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीं

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीं

सुखदां वरदां मातरम्

वन्दे मातरम्

कोटि-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले

कोटि-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले,

अबला केन मा एत बले

बहुबलधारिणीं नमामि तारिणीं

रिपुदलवारिणीं मातरम्

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वंदे मातरम को पहली बार रवींद्रनाथ टैगोर ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1896 के सत्र में गाया था. गीत के पहले दो छंदों को अगस्त 1947 में औपनिवेशिक शासन के अंत से पहले कांग्रेस कार्य समिति द्वारा अक्टूबर 1937 में भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था.

जुलाई 2017 में मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि वंदे मातरम को तमिलनाडु के सभी स्कूलों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में सप्ताह में कम से कम एक बार गाया या बजाया जाएगा. कोर्ट ने यह भी फैसला सुनाया कि गाना महीने में कम से कम एक बार सरकारी कार्यालयों और औद्योगिक सुविधाओं में भी बजाया या गाया जाना चाहिए.