लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) का संकट गहराता जा रहा है, भतीजे चिराग पासवान की प्रेस कांफ्रेंस के बाद चाचा व सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हम NDA के साथ गठबंधन में चुनाव (विधानसभा) लड़ना चाहते थे, लेकिन चिराग पासवान नहीं मानें.

पशुपति कुमार पारस ने कहा कि हम NDA के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन वो (चिराग पासवान) माने नहीं, इसीलिए आज LJP ख़त्म होने की कगार पर है. 

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पशुपति कुमार ने आगे कहा, “आप चिराग पासवान से जरूर पूछें कि उन्होंने मुझे प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया. पॉवर उनके पास न होने पर भी उन्होंने ऐसा किया. हमने मेरी देखरेख में बिहार का चुनाव लड़ा और सभी 6 सांसद जीते. चुनाव आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक हमें सबसे ज्यादा प्रतिशत वोट मिले थे.”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी पार्टी के संविधान में साफ लिखा है कि एक व्यक्ति-एक पद. चिराग पासवान 2013 से पार्लियामेंट्री बोर्ड के चेयरमैन हैं, 2019 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया, इसके लिए चुनाव नहीं हुआ, नामांकन नहीं हुआ.  इसके बाद वो संसदीय दल के नेता बनें.” 

पशुपति पारस ने कहा, “पार्टी के संविधान के खिलाफ एक व्यक्ति 3 पद पर रहा, इसलिए पार्टी ने फैसला लिया कि इन्हें (चिराग पासवान) संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए.” 

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बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में उठापटक तब शुरू हुई जब LJP के छह में से पांच सांसदों ने बागी तेवर दिखाते हुए चिराग पासवान की जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नया नेता नियुक्त कर दिया. इसके बाद चाचा पशुपति के गुट ने चिराग को LJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया, इसके बाद चिराग ने इन पांच सांसदों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया.