भारत में कई ऐसे मंदिर(Temple) हैं, जिनका इतिहास काफी पुराना है और इनके बारे में आपको कई धार्मिक ग्रंथों में पता चलेगा.
भारत में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक के अलग-अलग मंजिर विराजमान हैं जिनके पीछे कई रहस्य छिपे हुए हैं. ऐसा ही एक प्राचीन मंदि  उत्तर
प्रदेश
(Uttar Pradesh) के कानपुर में स्थित है. कानपुर शहर के थोड़ी दूरी पर बेहटा गांव है जो भीतरगांव प्रखंड से तीन
किलोमीटर दूरी पर स्थित है और ये मंदिर अपने प्राकृतिक चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है.

इस मंदिर में
भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath ) की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर बारिश के मौसम की
भविष्यवाणी पहले ही कर देता है. इतना ही नहीं मंदिर की छत से टपकती बूंदें बताती
हैं कि इस साल किस तरह की बारिश होने वाली है. मंदिर से जुड़ी आस्था के कारण ही दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं.

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मंदिर से क्यों टपकता है पानी?

इस मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन करने आते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, बारिश से कुछ दिन पहले मंदिर की छत से पानी अपनेआप टपकने लगता है और बूंद जितनी मोटी
होती है उतनी ही तेज बारिश होने का अनुमान मंदिर के पंडित लगा लेते हैं. ये अनुमान आज तक गलत नहीं हुआ है और इन सबमें सबसे हैरानी की बात ये है कि बारिश शुरू
होते ही मंदिर की छत से पानी टपकना बंद हो जाता है. मंदिर की छत अंदर से पूरी
तरह सूख जाती है. मंदिर की छत से पानी क्यों टपकता है और बारिश होते ये पानी अंदर से कैसे सूखता है ये एक गुत्थी है जिसे आज तक कोई नहीं सुलझा पाया.

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अनसुलझा रहस्य

मंदिर के बारे में कई रोचक बातें प्रचलित हैं. मंदिर की छत से पानी
टपकने के पीछे क्या कारण है और कब रुकता है यह सवाल आज भी रहस्यमय है. पुरातत्व
विभाग के लोग और वैज्ञानिक यहां कई बार आए लेकिन इस रहस्यमय राज का पता लगाने में नाकाम रहे. फिलहाल यहां पूजा जोरों में होती है और जिन लोगों को इस मंदिर का रहस्य पता चलता है वे दर्शन के लिए आते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.