कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से भारत में दहशत का माहौल है. देश में अब तक कोरोना के 23 केस मिले हैं. अभी तक के ओमिक्रॉन के ज्यादातर मामलों में हल्के लक्षण ही नजर आए हैं. लेकिन सबसे एक चीज कॉमन है. वहीं राजस्थान के ओमिक्रॉन वैरिएंट वाले सारे 9 मरीज एसिम्टोमैटिक हैं यानी इनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं. वैज्ञानिकों को एक और चिंता परेशान कर रही है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, कम लक्षण दिखाई देने पर लोग टेस्टिंग कम कराते हैं.

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एक्सपर्ट्स के अनुसार, कम लक्षण दिखाई देने पर लोग टेस्टिंग कम कराते हैं और आइसोलेट भी नहीं होते हैं. कुछ लोगों को पता भी नहीं चलता है कि उन्हें कोरोना हुआ है. इसलिए ज्यादा ज्यादा वायरल लोड वाले स्ट्रेन की तुलना में हल्के लक्षण वाला संक्रमण भी तेजी से फैल सकता है. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का भी यही कहना है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह ही नजर आ रहे हैं. अन्य वैरिएंट की तरह इसके संक्रमण में गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं. इन्हें सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें भी नहीं हो रही हैं.

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LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया, ‘ओमिक्रॉन के एक मरीज में नाक बहने और गले में खराश के अलावा कोई और लक्षण नहीं दिखे हैं. क्योंकि ज्यादातर मरीज एसिम्टोमैटिक हैं. एयरपोर्ट से आने वालों के लिए हमारे पास 50 आइसोलेटेड बेड्स हैं. इसके अलावा, हमारे पास राम लीला मैदान में 500 अलग-अलग ICU Covid-19 बेड्स हैं.’ वहीं जयपुर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर नरोत्तम शर्मा ने बिजनेसलाइन को बताया, ‘हमें Covid-19 के 11 नए मामले मिले हैं जो किसी ना किसी तरह से या तो ओमिक्रॉन संक्रमित परिवारों से संबंधित हैं या फिर जर्मनी से लौटे हैं. इनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं. जो लोग ओमिक्रॉन से पॉजिटिव पाए गए हैं, उनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं.’