आज यानी 26 मई को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा. ये ग्रहण कई मायनों में खास है, क्योंकि सुपरमून, ब्लड मून और पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटनाएं एक साथ हुईं. चंद्र ग्रहण के कारण दुनिया के कई हिस्सों में खूबसूरत नजारा देखने को मिला. ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत और अमेरिका में चंद्र ग्रण का नजारा काफी खूबसूरत दिखा.

नई दिल्ली: बुधवार को लगने वाला 2021 का पहला पूर्ण चंद्रग्रहण पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया प्रशांत और अमेरिका में दिखाई दिया, लेकिन भारत में नहीं.
नई दिल्ली: पृथ्वी का चक्कर काटते समय ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है यानी सबसे कम दूरी होती है. इस दौरान कक्षा में करीबी बिंदु से इसकी दूरी करीब 28,000 मील रहती है. इसी परिघटना को सुपरमून कहा जाता है.
नई दिल्ली: चंद्रमा के निकट आ जाने से यह आकार में बड़ा और चमकीला दिखता है. वैसे, सुपरमून और सामान्य चंद्रमा के बीच कोई अंतर निकालना कठिन है जब तक कि दोनों स्थिति की तस्वीरों को किनारे से ना देखें.
नई दिल्ली: जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह ढक जाता है तो अंधेरा छा जाता है लेकिन पूरी तरह स्याह नहीं होता. इसके बजाए यह लाल रंग का दिखता है इसलिए पूर्ण चंद्र ग्रहण को लाल या रक्त चंद्रमा भी कहा जाता है.
बीजिंग: चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह या आंशिक रूप से छिप जाता है. यह परिघटना पूर्णिमा के दौरान होती है. इसलिए पहले पूर्णिमा के चंद्रमा को समझने का प्रयास करते हैं.
सिडनी: पृथ्वी की तरह ही चंद्रमा का आधा हिस्सा सूरज की रोशनी में प्रकाशित रहता है. पूर्ण चंद्र की स्थिति तब बनती है जब चंद्रमा और सूरज पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं. इससे रात में चंद्रमा तश्तरी की तरह नजर आता है.
मुंबई:  26 मई 2021 को ग्रहण देखने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में होंगे. अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी यह दिखेगा लेकिन आरंभिक चरण का ही चंद्र ग्रहण नजर आएगा.