देश में महंगाई चरम पर है और खुदरा महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. खाने के सामानों की कीमतें लगातार बढ़ रही है. वहीं, हाल में सरकार ने दाल, चावल जैसे चीजों पर जीएसटी शुरू कर दी है. जिससे कीमतें आसमान छू रही हैं. हालांकि, दाल-चावल पर टैक्स ब्रांड वाले समानों पर है. लेकिन आम आदमी पर इसका असर जरूर पड़ रहा है. इन सब के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (1 अगस्त) को लोकसभा में महंगाई के सवाल पर अपना जवाब दिया. महंगाई पर अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि, हमें महंगाई पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. हमें दूसरे देशों से तुलना नहीं करना चाहिए. हम अभी भी अच्छी स्थिति में हैं.

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वित्त मंत्री ने कहा, हमें देखना होगा कि दुनिया में क्या हो रहा है और भारत दुनिया में क्या स्थान रखता है. विश्व ने ऐसी महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया. महामारी से बाहर आने के लिए हर कोई अपने स्तर पर काम कर रहा है, इसलिए मैं भारत के लोगों को इसका श्रेय देती हूं. विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले 2 साल में भारत को विश्व बैंक, IMF और दूसरी वैश्विक संस्थाओं द्वारा विश्व की विकास दर और भारत की विकास दर के बारे में कई बार आकलन है.

अमेरिका की जीडीपी की बात करते हुए निर्मला ने कहा, अमेरिका की GDP में दूसरी तीमाही में 0.9% की गिरावट दर्ज़ की गई और पहली तिमाही में 1.6% की गिरावट दर्ज़ की गई थी. जिसे उन्होंने अनौपचारिक मंदी का नाम दिया. भारत में मंदी या मुद्रास्फीतिजनित मंदी का सवाल ही नहीं उठता.

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उन्होंने कहा, केंद्र सरकार के प्रयासों के चलते सरकार पर कर्ज़ GDP का 56.9% है. IMF के डेटा के अनुसार भारत दूसरे देशों की तुलना में काफी अच्छी स्थिति में है जहां औसतन सरकार पर कर्ज़ GDP का 86.9% है.

सीतारमण ने कहा कि विपक्ष महंगाई पर राजनीति न करे. वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत विपरीत हालात में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. महंगाई पर दूसरे देशों से तुलना करना ठीक नहीं है.

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वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कहा कि आज सुबह हमने जुलाई के पूरे महीने के लिए जीएसटी कलेक्शन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जुलाई 2022 में, हमने जीएसटी के पेश होने के बाद से दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा हासिल किया है, जो 1.49 लाख करोड़ रुपये है. उन्होंने कहा कि यह लगातार पांचवां महीना है, जब जीएसटी कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.

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रूस-यूक्रेन संकट, चीन के कई हिस्सों में लॉकडाउन, कोविड-वेव, ओमिक्रोन आदि के चलते अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रभावित है, इसके बावजूद भी हम महंगाई को 7% से नीचे रखने की कोशिश कर रहे हैं.