Savitribai Phule Jayanti WhatsApp Status in Hindi; सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका और आधुनिक नारीवादी थीं. उनका जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था. वह तथाकथित पिछड़े तबकों की महान आइकन हैं, एक समाज सुधारक थीं, जिन्हें दलित वर्ग पूजता भी है. वह महिलाओं की शिक्षा, जाति और लैंगिक भेदभाव के उन्मूलन में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध थीं. वह भारतीय इतिहास में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली सबसे लोकप्रिय महिलाओं में से एक हैं. 

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सावित्रीबाई फुले महिलाओं के अधिकारों के लिए एक क्रांतिकारी थीं. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उन्होंने “गो गेट एजुकेशन” कविता भी लिखी थी. उसका मुख्य उद्देश्य उत्पीड़ित वर्गों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना था. हमें उनकी जयंती पर उनके कार्यों और शिक्षाओं को याद करना चाहिए और दूसरों को भी बताना चाहिए. भारत में लोग हर साल 3 जनवरी को सावित्रीबाई फुले की जयंती मनाते हैं. सावित्रीबाई फुले की जयंती पर आप इन फोटोज के साथ WhatsApp Status लगा सकते हैं. 

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* सावित्रीबाई फुले एक समाज सुधारक थीं जो न केवल ज्ञानी थीं बल्कि महिलाओं के अधिकारों के लिए भी खड़ी थीं. हमारे देश की सबसे बड़ी प्रेरणाओं में से एक को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

सावित्रीबाई फुले जयंती

*  सावित्रीबाई फुले ने महात्मा जोतीबा फुले के साथ मिलकर भारत का पहला महिला विद्यालय 1 जनवरी 1848 ई में पुणे के भीड़बाडा में खोला था. उससे पहले सावित्रीबाई फुले का अध्यापक प्रशिक्षण अहमदनगर के एक मिशनरी स्कूल में हुआ था. वहीं इस तथ्य को भी रेखांकित किया जाना जरूरी है कि वहां दूसरी छात्रा फातिमा शेख थीं. वहीं प्रथम मुख्य अध्यापिका सावित्रीबाई फुले व दूसरी अध्यापिका फातिमा शेख व सगुणा बाई थीं.

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सावित्रीबाई फुले जयंती स्टेटस

* क्रान्तिज्योति, महान शिक्षाविद और देश की प्रथम महिला शिक्षिका व हमारी आदर्श, सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।

सावित्री बाई फुले जी ने समाज के वंचित, दलित, पीड़ित और शोषितों के अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी और स्त्री शिक्षा व अधिकारों के लिये अतुलनीय योगदान दिया।

सावित्रीबाई फुले जयंती स्टेटस

* जातिगत, अंधविश्वास एवं महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली, नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका एवं समाज सुधारीका व शिक्षा के माध्यम से नारी सशक्तिकरण की सूत्रधार माता सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन।

जय भीम, जय फुले।

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ज्योतिराव और सावित्रीबाई ने सती प्रथा और बाल विवाह का विरोध भी किया. दोनों ने अपना समस्त जीवन दूसरों की हित में सोचकर ही न्यौछावर कर दिया. ऐसी पुण्य आत्माओं को पुनः नमन।