उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर जांच चल रही है. वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बयान देते हुए कहा है कि, लखीमपुर में चार किसानों को कुचला गया, जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए वह ‘एक्शन का रिएक्शन’ था. उन्होंने कहा कि वह उन्हें दोषी नहीं मानते हैं.

प्रेंस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, “ वे कौन थे जो गाड़ी में थे, जिन्होंने लोगों को मारा. लखीमपुर खीरी में कारों के एक काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया, जिसके जवाब में बीजेपी के दो कार्यकर्ता मारे गए. यह क्रिया के बदले की गई प्रतिक्रिया थी. मैंने हत्या में शामिल लोगों को अपराधी नहीं मानता. इसमें किसी तरह की प्लानिंग नहीं है.”

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राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक मंत्री का इस्तीफा नहीं होगा जब तक जांच नहीं हो सकती है. किसी गृह राज्य मंत्री के खिलाफ कोई अधिकारी सवाल कर सकते हैं? समझौते में भी मांग थी कि मंत्री का इस्तीफा हो. अगर हमारी मांग को नहीं माना जाता है तो हम फिर से विचार करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा आंदोलन चलता रहेगा.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, “हमें लोगों की मौत पर दुख है, चाहे वह बीजेपी कार्यकर्ता हों या किसान. यह दुर्भाग्यपूर्ण था और हमें उम्मीद है कि न्याय मिलेगा.”

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किसान नेताओं ने शनिवार को मांग की कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया जाए. नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सुनियोजित साजिश थी.

योगेंद्र यादव ने कहा कि अजय मिश्रा को सरकार से हटा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने यह साजिश रची और वह इस मामले में दोषियों को बचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन एसकेएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन करेगा.

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