प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में चिराग के ऐतराज के बाद भी एलजेपी कोटे से पशुपति पारस को शामिल किया गया है. पशुपति पारस ने बुधवार को मंत्री पद की गोपनीयता की शपथ ली. वहीं, पशुपति पारस को एलजेपी संसदीय दला का नेता मानने के विरोध में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.

चिराग पासवान ने कई ट्वीट कर पशुपति पारस के मंत्री बनने पर ऐतराज जताई और कहा, लोक जनशक्ति पार्टी ने आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष के प्रारम्भिक फ़ैसले जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद श्री पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था के फ़ैसले के ख़िलाफ़ आज दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.

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चिराग ने आगे कहा, लोकसभा अध्यक्ष के द्वारा पार्टी से निकाले गए सांसदों में से पशु पति पारस जी को नेता सदन मानने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी ने माननीय लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उनके फ़ैसले पर पुनः विचार याचिका दी थी जो अभी भी विचाराधीन है.

उन्होंने कहा, पार्टी विरोधी और शीर्ष नेतृत्व को धोखा देने के कारण लोक जनशक्ति पार्टी से पशुपति कुमार पारस जी को पहले ही पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है और अब उन्हें केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल करने पर पार्टी कड़ा ऐतराज दर्ज कराती है.

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गौरतलब है कि चिराग ने कैबिनेट विस्तार से एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि, अगर पशुपति पारस लोजपा के कोटे से मंत्री बनाए जाएंगे तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. लेकिन अगर उन्हें जेडीयू में शामिल कर मंत्री बनाते हैं तो उन्हें कोई एतराज नहीं है. उन्होंने खुद को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताते हुए कहा कि, पशुपति पारस समेत पांच सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. ऐसे में पशुपति स्वतंत्र सांसद हैं.

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