केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने शुक्रवार, 23 दिसंबर 2022 को गरीबों को मुफ्त अनाज दिए जाने को लेकर कैबिनेट में एक बड़ा फैसला लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि ‘सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: 3, 2 और 1 रुपये प्रति किलो की दर से देती है. सरकार ने फैसला लिया है कि दिसंबर 2023 तक ये पूरी तरह से मुफ्त में मिलेगा. इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा.’

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केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि ‘इससे केंद्र सरकार को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. राशन के लिए गरीबों को 1 रुपया भी नहीं देना पड़ेगा. इस योजना पर भारत सरकार हर वर्ष 2 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है.’

केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने पहले बताया था कि सितंबर में सरकार ने योजना की समय सीमा को 3 महीने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया है. कोरोना के समय गरीब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए इस योजना को लाया गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते 28 महीने में भारत सरकार ने गरीबों के मुफ्त राशन पर 1.80 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

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कोरोना के दौरान शुरू हुई थी ये योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की शुरुआत मार्च 2020 में कोरोना संकट के दौरान हुई थी. इस योजना का लाभ देश के 80 करोड़ लोग उठा रहे हैं. इसके तहत बीपीएल कार्ड वाले परिवारों को हर महीने प्रति व्यक्ति 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है.

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आपको मालूम हो कि इस योजना को सबसे पहले मार्च 2020 में पहले चरण तीन महीनों यानी अप्रैल से जून 2020 के लिए लागू किया गया था. वहीं, अब तक इस योजना के सात चरण हो चुके हैं. मार्च 2022 में इसे 6 महीने के लिए यानी सितंबर तक बढ़ाया गया था. उसके बाद 3 महीनों के लिए यानी दिसंबर और अब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार इस योजना को दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.