प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की गई. इसमें रबी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला किया गया है. कैबिनेट के इस फैसले को रूठे किसानों को मनाने के तौर पर देखा जा रहा है. जो किसान लंबे समय से केंद्र सरकार के तीन कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

केंद्र सरकार ने गेंहूं का MSP 40 रुपये बढ़ाकर 2015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने जौ पर 35 रुपये, चना पर 130 रुपये, मसूर पर 400 रुपये, सरसों पर 400 रुपये और कुसुम पर 114 रुपये एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है. यानि अब जौ 1635 रुपये, चना 5230 रुपये, मसूर 5500 रुपये, सरसों 5050 रुपये और कुसुम्भ (सूरजमुखी) 5471 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा.

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गेहूं का एमएसपी 40 रुपये बढ़ाकर 2,015 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो इससे पहले 1,975 रुपये प्रति क्विंटल था. गेहूं की उत्पादन लागत 1,008 रुपये प्रति क्विंटल होने का अनुमान लगाया गया है.

आपको बता दें, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है. मौजूदा समय में, सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है.

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कपड़ा क्षेत्र के लिए 10,683 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी. केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस योजना से घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमएमएफ (कृत्रिम रेशे) परिधान, एमएमएफ फैब्रिक्स तथा टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 खंडों/उत्पादों के लिए 10,683 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है.

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