लोकसभा बुधवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा को अपने तय शेड्यूल से एक दिन पहले स्थगित किया गया. इसी के साथ संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है. राज्यसभा को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है. 

शीतकालीन सत्र में 18 बैठकें हुईं और कृषि कानून निरसन विधेयक (Farm Laws Repeal Bill) और चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक (Election Laws (Amendment) Bill) जैसे प्रमुख कानूनों को पारित किया गया.

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महंगाई और लखीमपुर खीरी हिंसा जैसे कई मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के व्यवधान के चलते सत्र में 18 घंटे और 48 मिनट का नुकसान हुआ.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि निचले सदन ने 2 दिसंबर को 204 प्रतिशत की रिकॉर्ड प्रोडक्टिविटी देखी. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और 23 दिसंबर तक चलने वाला था.

शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सदन में मौजूद लोगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल थे. सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद राजनीतिक दलों के फ्लोर नेताओं ने अध्यक्ष से उनके कक्ष में मुलाकात की.

सत्र के दौरान लोकसभा की 18 बैठकें हुईं, जो 83 घंटे और 12 मिनट तक चलीं, सत्र के दौरान COVID-19 और जलवायु परिवर्तन पर बहस क्रमशः 12 घंटे 26 मिनट और छह घंटे और 26 मिनट तक चली. 

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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में व्यवधान के कारण 18 घंटे 48 मिनट का नुकसान हुआ लेकिन 2 दिसंबर को जब महामारी के मुद्दे पर चर्चा हुई तो उत्पादकता बढ़कर 204 प्रतिशत हो गई. उन्होंने बताया कि लोकसभा की कुल उत्पादकता 82 प्रतिशत थी.

सरकार ने सत्र के दौरान 12 विधेयक पेश किए, जिसमें बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसमें लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है.

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