प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के संसद में प्रवासियों को लेकर किए गए दावे का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने खंडन किया, जिसके बाद सोमवार शाम को उनके और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के बीच एक ट्विटर वॉर शुरू हो गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने यूपी समकक्ष को ‘निर्दयी और क्रूर शासक’ बताया. योगी आदित्यनाथ ने उन्हें झूठा बताते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कोरोना के समय में जानबूझकर प्रवासियों को दिल्ली से बाहर निकाला था.  

पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि 2020 में दिल्ली और महाराष्ट्र ने लॉकडाउन घोषित होने के बाद प्रवासी मजदूरों को घर जाने में सक्षम बनाकर कोविड के प्रसार में योगदान दिया था. दिल्ली के सीएम ने इसे झूठ बताते हुए एक ट्वीट किया. 

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दिल्ली के सीएम ने लिखा, “प्रधानमंत्री जी का ये बयान सरासर झूठ है. देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे. लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता.”

इसके बाद प्रधानमंत्री के बयान पर केजरीवाल के टिप्पणी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आपत्ति जताते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा, “अरविंद केजरीवाल का प्रधानमंत्री के बारे में आज का बयान घोर निंदनीय है. अरविंद केजरीवाल को पूरे राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए. गोस्वामी तुलसीदास जी ने उनके जैसे लोगों के बारे में ही कहा है कि… “झूठइ लेना, झूठइ देना। झूठइ भोजन, झूठ चबेना।।”

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सीएम योगी ने आगे ट्वीट कर लिखा, “सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया. छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया. आपको मानवताद्रोही कहें या.”

योगी आदित्यनाथ ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “बिजली-पानी का कनेक्शन काटा व सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से यूपी बॉर्डर पर भेजा गया. अनाउंसमेंट कर कहा गया कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी. यूपी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया और उन्हें सुरक्षित वापस लाई.”

इसके जवाब में ट्वीट कर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने योगी आदित्यनाथ को निर्दयी और क्रूर शासक बताया. उन्होंने लिखा, “सुनो योगी, आप तो रहने ही दो. जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे. आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा.” 

संसद में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों पर महाराष्ट्र से भी नाराज प्रतिक्रियाएं आई थीं. मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने सवाल किया कि देश में वायरस कैसे पहुंचा.  उन्होंने कहा, “राहुल गांधी पहले ही कह चुके थे कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रोक दी जानी चाहिए ताकि मामले न बढ़ें, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.”

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार की भूमिका है. उन्होंने कहा, “हमने लोगों को 106 ट्रेनों से भेजा. जब सरकार ने कहा कि वे 75 फीसदी किराया माफ कर रहे हैं, तो हमने बाकी 25 फीसदी का भुगतान करने का काम किया और उनके खाने-पीने की व्यवस्था की.” 

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