Lal Bahadur Shastri Jayanti Quotes: भारत वीरों का देश है जिसमें आजादी के लिए कई क्रांतिरियों ने अपने प्राणों का आहूति दे दी. कुछ आजादी के बाद अच्छे पद पर बैठे लेकिन उनके अच्छे कामों को बर्दाश्त नहीं किया जा सका और उनका निधन रहस्यमयी सा बन गया. उनमें से एक लाल बहादुर शास्त्री जी थे जो आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने लेकिन कम समय में ही उनका निधन हो गया था और वो निधन कैसे हुआ ये आजतक एक गुत्थी ही है. लाल बहादुर शास्त्री सादा जीवन उच्च विचार में विश्वास रखते थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया. लाल बहादुर शास्त्री ने ऐसी कई बातें कहीं जिन्हें आज हर किसी को अपनाने की जरूरत है.

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लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर अपनाएं उनके 10 संदेश (Lal Bahadur Shastri Jayanti Quotes)

1.यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे
किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को
अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा.

2.हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए
जितना हम युद्ध करते समय मैदान में लड़ते हैं

3.आजादी की रक्षा सिर्फ देश के सैनिकों का काम नहीं है
इसकी रक्षा के लिए पूरे देश को मजबूत होना पड़ेगा

4.मेरा मन हमेशा दूसरों को सलाह देने और
खुद उस पर अमल ना करने को लेकर असहज रहा

5.मेरे देश को तब तक अपना सिर शर्म से झुकाना होगा
जब तक ऐसा एक भी व्यक्ति शेष है जिसे किसी भी तरह
से अछूता का निचले स्तर का समझा जाता है

6.हमारे देश मे आर्थिक मुद्दे उठाने बहुत जरूरी हैं
क्योंकि उन्हीं मुद्दों से हम अपने देश के बड़े दुश्मन
गरीबी और बेराजगारी से लड़ सकते हैं

7.हम सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि समस्त
विश्व के लिए शांति और विकास में विश्वास रखते हैं

8.जय जवान जय किसान

9.हमारी ताकत और मजबूती के लिए
सबसे जरूरी काम है कि
लोगों में एकता स्थापित होनी चाहिए

10.देशवासियों को गुलामी की मानसिकता को तत्काल
भूलकर देश के हित में आगे आकर योगदान देना होगा

आपकी जानकारी के लिए बता दें, 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था. इनके पिता शारदा प्रसाद वर्मा एक टीचर थे जो बाद में इलाहाबाद में एक सरकारी क्लर्क बने. इनकी मां रामदुलारी देवी हाउसवाइफ थीं. शास्त्री जी ने ललिता शास्त्री से शादी की थी जिनसे उन्हें अनिल शास्त्री, सुनील शास्त्री, हरी कृष्णा शास्त्री, कुसुम शास्त्री, अशोक शास्त्री और सुमन शास्त्री नाम के 6 बच्चे थे. शास्त्री जी आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे लेकिन उसी दौरान उनका निधन 11 जनवरी 1966 को Uzbekistan के Tashkent में हुआ था. उनके निधन की वजह आज तक किसी को पता नहीं चल पाई.

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