केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर हिंसा मामले में आज सुबह 10.30 बजे तक पुलिस लाइन में पेश होना था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचे. जांच दल का नेतृत्व कर रहे उप महानिरीक्षक (मुख्यालय) उपेंद्र अग्रवाल समय पर कार्यालय पहुंचे थे.

एक आधिकारिक सूत्र ने सुबह करीब साढ़े दस बजे बताया कि आशीष मिश्रा अब तक नहीं आए हैं. गुरुवार को दो लोगों को गिरफ्तार किए जाने के बाद, पुलिस ने आशीष के घर के बाहर एक नोटिस चस्पा कर आठ लोगों की जान लेने वाली हिंसा के सिलसिले में पुलिस के सामने पेश होने को कहा था.

अखिलेश यादव बोले- नेपाल भाग गए आशीष 

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवाने लोगों के परिवार से मिलने के बाद अखिलेश यादव शुक्रवार को बहराइच के लिए रवाना हुआ. हिंसा में जान गंवाने वाले 4 प्रदर्शनकारियों में से दो बहराइच के थे. अखिलेश ने आशीष मिश्रा के कोर्ट में पेश न होने पर कहा, “मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह (आशीष मिश्रा) नेपाल भाग गया है. अगर यह सच है तो इस मामले में भारत सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए.  

उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया हैकि, “भागा नहीं भगाया गया है.” साथ ही यूपी कांग्रेस ने ट्वीट में ‘मोदी अरेस्ट मोनू’ का हैशटैग लगाया है. 

आशीष के रिस्तेदार ने कहा- वह जांच में सहयोग करेगा 

लखीमपुर में आशीष मिश्रा के रिश्तेदार अभिजात मिश्रा ने कहा, “उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को आज पेश होने के लिए तलब किया है. वह इस समय यहां है; जांच में सहयोग करेगा.” 

किन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है

पुलिस ने एक बयान में कहा कि बनबीरपुर गांव के लवकुश और निघासन तहसील के आशीष पांडे को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ तिकुनिया पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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3 अक्टूबर को तिकुनिया में क्या हुआ था?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीट दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई है. इनमें चार कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और एक पत्रकार समेत चार अन्य लोग शामिल हैं. इसके अलावा कई अन्य लोग जख्मी भी हैं. 

तिकुनिया थाने में हुई घटना में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र व अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. किसान नेताओं ने दावा किया है कि आशीष उन कारों में से एक में थे, जिसने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को रौंदा, लेकिन मंत्री ने आरोपों से इनकार किया है.

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केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे एक समूह ने लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को 3 अक्टूबर के दिन काले झंडे दिखाने का कार्यक्रम रखा था. उपमुख्यमंत्री को केंद्रीय गृह राजयमंत्री अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित एक दंगल में पहुंचना था. प्रदर्शनकारी बनवीरपुर जाने वाली रोड के साथ हेलीपैड पर भी बड़ी मात्रा में इकट्ठा हुए थे. हालांकि डिप्टी सीएम दूसरे मार्ग से निकल गए, लेकिन कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं का काफिला प्रदर्शनकारियों के बीच से गुजरा, जिस दौरान गाड़ी के नीचे आने से 4 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई. एक पत्रकार और तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौत किन परिस्थितियों में हुई, ये अभी स्पष्ट नहीं है.

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